राहु ग्रह को भारतीय ज्योतिष में एक छायाग्रही माना जाता है, जो व्यक्ति के जीवन में चुनौतियाँ और कठिनाइयाँ पैदा कर सकता है। ऐसे में राहु के दुष्प्रभावों को शांत करने के लिए राहु गायत्री मंत्र एक शक्तिशाली साधना है। Rahu Gayatri Mantra राहु के अशुभ प्रभावों को कम करने और व्यक्ति को जीवन में सफलता और संतुलन प्राप्त करने में मदद करता है।
गायत्री मंत्र चैटिंग नियमित रूप से करने से मानसिक परेशानियाँ और जीवन की उलझनों से राहत मिलती है। इस गायत्री मंत्र का अर्थ बहुत ही सरल और प्रभावी है जो व्यक्ति को अपनी कर्मभूमि पर बेहतर निर्णय लेने की शक्ति प्रदान करता है। इस गायत्री मंत्र को हमने आपके लिए यहां नीचे उपलब्ध कराया है –
राहु गायत्री मंत्र
ॐ नागध्वजाय विद्महे पद्महस्ताय धीमहि,
तन्नो राहुः प्रचोदयात्।
शत्रुता, रोग और ऋण राहु के प्रमुख गुण हैं। फिर भी जो लोग राहु के इस मंत्र का जाप करते है वे हमेशा राहु के सकारात्मक पक्ष के प्रभाव में होते हैं, जिससे वे आत्मविश्वासी, बहादुर और निडर बनते हैं।
Rahu Gayatri Mantra की विधि
इस मंत्र का जाप एक शक्तिशाली साधना है, जो व्यक्ति को राहु ग्रह के अशुभ प्रभावों से मुक्त करने में मदद करता है। यहां हम विस्तार से देखेंगे कि कैसे इस मंत्र का जाप किया जाता है:
- स्थान का चयन: सुबह के समय जाप करना सर्वोत्तम होता है। आप एक शांत और पवित्र स्थान पर बैठकर इस मंत्र का जाप कर सकते है।
- शुद्धता: मंत्र का जाप करने से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। शारीरिक शुद्धता से मानसिक शुद्धता में भी वृद्धि होती है। मानसिक रूप से शांत और एकाग्र रहने के लिए कुछ देर ध्यान करें और अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें।
- जाप: इस मंत्र का उच्चारण स्पष्ट और धीरे-धीरे करें। मंत्र के प्रत्येक शब्द पर ध्यान केंद्रित करें और उसे पूरी श्रद्धा और निष्ठा से बोलें। मंत्र का सही उच्चारण और संजीव शक्ति से इसे पढ़ने से इसका प्रभाव अधिक होता है।
- ध्यान और एकाग्रता: मंत्र का जाप करते समय ध्यान केंद्रित रखें। अपने मन और शरीर को शांत रखें, ताकि आप पूरी तरह से मंत्र के प्रभाव को महसूस कर सकें। भगवान राहु के चित्र या आकृति के सामने बैठकर उनका ध्यान करें, ताकि उनका आशीर्वाद प्राप्त हो।।
- नियमितता: राहु के गायत्री मंत्र का जाप नियमित रूप से करें। इससे लाभ अधिक होता है। खासकर शनिवार को इस मंत्र का जाप करने से राहु के दुष्प्रभावों में कमी आती है और जीवन में संतुलन और शांति प्राप्त होती है।
सही विधि से मंत्र का जाप करने से न केवल राहु के प्रभावों से मुक्ति मिलती है, बल्कि मानसिक शांति, आत्मविश्वास और जीवन में सकारात्मकता का संचार भी होता है।
मंत्र जाप करने के लाभ क्या है
इसका नियमित जाप जीवन में शांति, समृद्धि, और आत्मविश्वास लाने में मदद करता है। यह मंत्र विशेष रूप से राहु ग्रह के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए प्रभावी माना जाता है। आइए, जानते हैं इसके कुछ प्रमुख लाभ:
- राहु के दुष्प्रभाव: इस मंत्र का जाप करने से राहु के नकारात्मक प्रभावों का नाश होता है, जो मानसिक परेशानी, अस्थिरता, और जीवन में रुकावटें पैदा करते हैं।
- सकारात्मक ऊर्जा: यह मंत्र सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और वातावरण को शुद्ध करता है। यह व्यक्ति को नकारात्मक सोच और मानसिक विकारों से मुक्त कर, सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है।
- सफलता: राहु ग्रह का प्रभाव करियर और व्यवसाय पर भी पड़ता है। इस मंत्र का जाप करने से व्यवसाय और करियर में सकारात्मक बदलाव आते हैं, जिससे सफलता के रास्ते खुलते हैं और व्यक्ति को अपने प्रयासों का उचित फल मिलता है।
- नकारात्मकता: इस गायत्री मंत्र का जाप घर या कार्यस्थल पर नकारात्मक ऊर्जा और विघ्नों को दूर करता है। यह वातावरण को शुद्ध कर, सुख-शांति और समृद्धि लाता है।
- स्वास्थ्य सुधार: राहु ग्रह के अशुभ प्रभाव शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकते हैं। मंत्र का नियमित जाप शारीरिक समस्याओं और मानसिक दबाव से राहत दिलाता है, जिससे स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- कष्टों का निवारण: इसका जाप करने से जीवन में आने वाली कष्टों और समस्याओं का निवारण होता है। यह व्यक्ति को कठिनाइयों से उबारने में मदद करता है और जीवन में सुख और समृद्धि लाता है।
यह मंत्र व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा और शक्तियों से भर देता है, जो उसे हर कठिनाई से पार पाने में मदद करती है।
FAQ
इसका जाप कब और कैसे करना चाहिए?
इस मंत्र का जाप सुबह के समय विशेष रूप से शनिवार को करना श्रेष्ठ माना जाता है। इसे किसी शांत स्थान पर एकाग्र मन से 108 बार माला से जाप करना चाहिए।
क्या इस मंत्र का जाप रात में भी किया जा सकता है?
हां, इस मंत्र का जाप रात के समय भी किया जा सकता है, लेकिन सुबह और विशेष रूप से शनिवार को इसे करना सबसे प्रभावी होता है।
क्या गायत्री मंत्र का जाप व्रत के दौरान किया जा सकता है?
हां, इस मंत्र का जाप व्रत या उपवास के दौरान किया जा सकता है। व्रत का उद्देश्य आत्मशुद्धि और संयम है, और इस मंत्र का जाप व्रत को और प्रभावी बना सकता है।
इस गायत्री मंत्र का जाप माला से करना जरूरी है?
माला का उपयोग करना जाप में मददगार होता है, लेकिन अगर माला नहीं है तो आप अपनी उंगलियों से भी मंत्र का जाप कर सकते हैं।

मैं मां दुर्गा की आराधना और पूजा-पाठ में गहरी रुचि रखती हूँ। गायत्री मंत्र का रोजाना जाप करती हूँ। मां दुर्गा से संबंधित मंत्र, आरती, चालीसा और अन्य धार्मिक सामग्री साझा करती हूँ। मेरा उद्देश्य भक्तों को सही पूजा विधि सिखाना और आध्यात्मिक मार्ग पर प्रेरित करना है।