तुलसी माता के पूजन और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए तुलसी गायत्री मंत्र का जाप किया जाता है। तुलसी माता को हिंदू धर्म में सर्वोच्च स्थान प्राप्त है, और यह Tulsi Gayatri Mantra व्यक्ति के जीवन में पवित्रता और भक्ति की भावना को जागृत करता है। इसे नियमित रूप से जपने से मानसिक शांति, आध्यात्मिक उन्नति और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
मंत्र का जाप करने से न केवल आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है, बल्कि मानसिक शांति और स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होते हैं। कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस गायत्री मंत्र का जाप करता है, उसके घर में धन, समृद्धि और शांति बनी रहती है। इस अद्भुत मंत्र को हमने यहां आपके लिए निचे उपलब्ध कराया है –
तुलसी गायत्री मंत्र
ૐ श्री तुलसी देवायै विद्मः, विष्णु प्रियै धीमहि, तन्नो तुलसी प्रचोदयत।
तुलसी माता के पूजन और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष रूप से इस गायत्री मंत्र का जाप किया जाता है, जो अत्यंत प्रभावशाली और कल्याणकारी माना गया है। इनके मंत्र के साथ विष्णु गायत्री मंत्र और कृष्ण गायत्री मंत्र का जाप अवश्य करे। ऐसा करने से तुलसी माँ की कृपा जल्द प्राप्त की जा सकती है।
Tulsi Gayatri Mantra जाप की विधि
नीचे दी गई विधि को अपनाकर आप इस मंत्र के शक्तिशाली प्रभावों का अनुभव कर सकते हैं।
- शुद्धता: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें और इसके बाद भगवान विष्णु और तुलसी माता को मन ही मन प्रणाम करें।
- मूर्ति: यदि सम्भव हो तो मता की मूर्ति या पौधे के सामने बैठकर मंत्र का जाप करना चाहिए।
- पूजन: बाद में तुलसी माता को जल अर्पित करें और तुलसी के पौधे पर चंदन, फूल, और अगरबत्ती चढ़ाएं। दीप जलाकर तुलसी माता का ध्यान करें और साथ तुलसी के पौधे के चारों ओर सात बार परिक्रमा करें।
- मंत्र का जाप: अब ऊपर दिए गए मंत्र का जाप करे। जाप के लिए आप तुलसी की माला का उपयोग भी कर सकते है। ऐसा करने से मंत्र जाप के दौरान आपका ध्यान पूरी तरह भगवान विष्णु और तुलसी माता पर केंद्रित रहता है।
- तुलसी पत्र : मंत्र जाप के बाद तुलसी के पत्तों का सेवन करें। तुलसी माता का प्रसाद ग्रहण करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
- नियमित जाप: यदि संभव हो तो इस मंत्र का जाप रोज़ करें, इससे इसका विशेष महत्व होता है।
भगवान विष्णु की प्रिय तुलसी माता का पूजन और इस मंत्र का जाप करने से न केवल आध्यात्मिक उन्नति होती है, बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य भी उत्तम बना रहता है।
इस मंत्र के चमत्कारी लाभ
- मानसिक शांति: इस गायत्री मंत्र का जाप करने से मन शांत होता है और आत्मा की शुद्धि होती है। यह व्यक्ति को नकारात्मक विचारों से बचाने में सहायक होता है।
- कृपा प्राप्ती: तुलसी माता भगवान विष्णु की अत्यंत प्रिय हैं। इस मंत्र का जाप करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है और व्यक्ति के जीवन में खुशहाली आती है।
- नकारात्मक ऊर्जा:इस मंत्र का जाप करने से घर और वातावरण में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है। यह व्यक्ति को बुरी नजर और दुष्ट शक्तियों से बचाता है।
- रोगों से बचाव: तुलसी के पत्तों का सेवन और मंत्र जाप से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यह सर्दी, जुकाम और अन्य बीमारियों से बचाने में मदद करता है।
- सुख-शांति: इस मंत्र का जाप करने से घर में कलह और विवाद समाप्त होते हैं और परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम बढ़ता है।
- समृद्धि में वृद्धि: तुलसी माता की कृपा से धन और समृद्धि में वृद्धि होती है। यह मंत्र आर्थिक समस्याओं से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है।
- वास्तु दोष: यदि किसी घर में वास्तु दोष है, तो वहां तुलसी का पौधा लगाकर इस मंत्र का जाप करने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
FAQ
क्या इसका जाप किसी विशेष अवसर पर करना चाहिए?
यह मंत्र किसी भी दिन जपा जा सकता है, लेकिन एकादशी, कार्तिक मास, तुलसी विवाह, दीपावली और पूर्णिमा के दिन इसका जाप विशेष फलदायी होता है।
मंत्र का जाप कितनी बार करना चाहिए?
मंत्र का जाप 108 बार करना श्रेष्ठ माना जाता है, लेकिन इसे 11, 21, या 51 बार भी जपा जा सकता है।
क्या इस मंत्र का जाप करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है?
: हाँ, तुलसी माता भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय हैं, और इस मंत्र का जाप करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
क्या मंत्र का जाप बिना माला के किया जा सकता है?
हाँ, लेकिन तुलसी या रुद्राक्ष की माला का उपयोग करने से ध्यान केंद्रित रहता है और जाप का प्रभाव बढ़ता है।

मैं मां दुर्गा की आराधना और पूजा-पाठ में गहरी रुचि रखती हूँ। गायत्री मंत्र का रोजाना जाप करती हूँ। मां दुर्गा से संबंधित मंत्र, आरती, चालीसा और अन्य धार्मिक सामग्री साझा करती हूँ। मेरा उद्देश्य भक्तों को सही पूजा विधि सिखाना और आध्यात्मिक मार्ग पर प्रेरित करना है।