Sita Gayatri Mantra | सीता गायत्री मंत्र: मातृशक्ति का संगम

सीता गायत्री मंत्र देवी सीता की असीम करुणा, धैर्य और शक्ति को समर्पित एक पवित्र वैदिक मंत्र है। माता सीता भारतीय संस्कृति में नारीत्व, प्रेम, त्याग और शक्ति की प्रतिमूर्ति मानी जाती हैं, और Sita Gayatri Mantra हमें धैर्य, समर्पण और सत्य के मार्ग पर अडिग रहने की प्रेरणा देता है।

इस मंत्र के साथ राम गायत्री मंत्र का जाप करने से पारिवारिक जीवन में सुख-शांति आती है और व्यक्ति के भीतर सहनशीलता, प्रेम और करुणा का विकास होता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो पारिवारिक और मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं या अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा चाहते हैं। यह मंत्र इस प्रकार से है –

मंत्र

ओम् जनकजायै विद्मिहे रामप्रियायै धीमहि,
तन्नो: सीता प्रचोदयात।

अर्थ- हम जनकनंदिनी अर्थात राजा जनक की पुत्री माता सीता को जानते हैं, हम श्रीराम की प्रिय देवी का ध्यान करते हैं,
इसलिए हे माता सीता हमें सद्बुद्धि और मार्गदर्शन के लिए प्रेरित करें।

जो भी सच्चे मन से इस मंत्र का जाप करता है, उसे माता सीता की कृपा और आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होते हैं। अपने जीवन में देवियों के आशीवाद और वैवाहिक जीवन में प्रेम बनाये रखने के लिए आप लक्ष्मी गायत्री मंत्र और राधा गायत्री मंत्र का जाप भी कर सकते है।

Sita Gayatri Mantra की जाप विधि

  1. शुद्धता: मंत्र का जाप करने से पहले, आपको अपने मन और शरीर को शुद्ध करना जरूरी है। सबसे पहले, सुबह-सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  2. स्थान: एक शांत और पवित्र स्थान पर बैठकर अपने मन को शांत करें और सीता माँ का ध्यान करें। मन में श्रद्धा और समर्पण के साथ संकल्प लें कि आप इस मंत्र का जाप सिर्फ अपनी आत्मिक उन्नति और शांति के लिए कर रहे हैं।
  3. मंत्र उच्चारण: अब आप सीता गायत्री मंत्र का उच्चारण करें। मंत्र का प्रत्येक उच्चारण आपके हृदय से होना चाहिए, और इसे धीरे-धीरे, पूरे ध्यान और श्रद्धा के साथ बोलें।
  4. जप संख्या: इसे कम से कम 108 बार जपना चाहिए। यदि संभव हो तो आप इसे 3, 5 या 11 माला भी जप सकते हैं, क्योंकि अधिक जाप से मंत्र का प्रभाव और भी गहरा होता है।
  5. ध्यान: मंत्र का जाप करते समय अपने मन को पूरी तरह एकाग्र करें। यह आवश्यक है कि आप सीता माँ के दिव्य रूप का ध्यान करें और उनके आशीर्वाद की प्रार्थना करें। उनके प्रति श्रद्धा और भक्ति का भाव आपके मन में जागृत रहे, ताकि मंत्र का प्रभाव गहरा हो सके।
  6. आशीर्वाद: जब आप अपना जाप पूरा कर लें, तो हाथ जोड़कर माता सीता की कृपा और आशीर्वाद की प्रार्थना करें। किसी पवित्र फल या मिठाई को माता को अर्पित करें। अंत में, एक धन्यवाद प्रकट करें और यह सुनिश्चित करें कि आपके मन में सकारात्मकता और शांति बनी रहे।
  7. नियमितता: मंत्र का जाप नियमित रूप से करने से न केवल आपके मन की शांति और संतुलन में वृद्धि होती है, बल्कि माता सीता की दिव्य कृपा भी प्राप्त होती है।

माँ सीता की कृपा से इस साधना के माध्यम से आप आत्मिक उन्नति और शांति का अनुभव करेंगे।

इस गायत्री मंत्र के लाभ

  • आध्यात्मिक उन्नति: इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति की आत्मिक शुद्धि होती है और उसकी आध्यात्मिक उन्नति होती है। यह मंत्र हृदय को शुद्ध करता है और मनुष्य को भक्ति और सत्य के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।
  • पारिवारिक सुख: माँ सीता के आशीर्वाद से इस मंत्र का जाप करने से पारिवारिक जीवन में सुख, शांति और प्रेम का वास होता है। यह विशेष रूप से दांपत्य जीवन में प्रेम, समर्पण और समझ को बढ़ाता है।
  • संतुलन: इसका नियमित जाप मानसिक शांति और संतुलन का कारण बनता है। यह व्यक्ति के विचारों को शांत करता है और उसे आत्म-संयम रखने में मदद करता है। इसके प्रभाव से मानसिक तनाव, चिंता और भय दूर होते हैं, जिससे जीवन में आंतरिक शांति और स्थिरता आती है।
  • कष्टों से मुक्ति: यदि किसी व्यक्ति को किसी प्रकार की शारीरिक या मानसिक समस्याएँ हों, तो यह मंत्र उसे उन समस्याओं से बाहर निकालने में मदद करता है। माता सीता की कृपा से जीवन में आई कठिनाइयाँ धीरे-धीरे कम होती हैं और राह आसान होती है।
  • आशीर्वाद: यह मंत्र व्यक्ति के जीवन में आत्मविश्वास बढ़ाता है और उसे चुनौतियों का सामना करने की शक्ति देता है। साथ ही, यह देवी सीता का आशीर्वाद प्राप्त करने का एक सुंदर तरीका है, जिससे जीवन में समृद्धि, धन और सुख आता है।
  • सहनशीलता: मंत्र का जाप करने से व्यक्ति में सहनशीलता, धैर्य और करुणा का विकास होता है, जो उसे अपने और दूसरों के प्रति अधिक संवेदनशील और समर्पित बनाता है। इससे जीवन में संतुलन और शांति बनी रहती है और व्यक्ति में आंतरिक ताकत का विकास होता है।
  • बुरी आदत: इस गायत्री मंत्र का जाप व्यक्ति को अपनी बुरी आदतों से मुक्त करता है। यह एक पवित्र साधना है जो मानसिक और शारीरिक शुद्धता की ओर मार्गदर्शन करती है। इसके प्रभाव से नकारात्मकता और अपवित्रता दूर होती है, और व्यक्ति अपने जीवन को उच्चतम स्तर पर जीता है।

इस मंत्र के जाप से जीवन में एक नई ऊर्जा और सकारात्मकता का अनुभव होता है। यह न केवल आध्यात्मिक लाभ देता है, बल्कि भौतिक जीवन में भी खुशहाली और शांति का कारण बनता है।

FAQ

इस गायत्री मंत्र का जाप नियमित रूप से करने के क्या लाभ हैं?

यदि इसका नियमित जाप किया जाए, तो यह मानसिक शांति, पारिवारिक सुख, समृद्धि, और देवी सीता का आशीर्वाद प्राप्त करने का एक शक्तिशाली तरीका है।

क्या इस मंत्र से संतान सुख प्राप्त हो सकता है?

क्या इस मंत्र का जाप किसी विशेष दिन या तिथि पर करना चाहिए?

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