शनि गायत्री मंत्र एक अत्यंत प्रभावशाली और पवित्र मंत्र है, और इसलिए अब शनि गायत्री मंत्र इन हिंदी में उपलब्ध है। जिसे शनि ग्रह के प्रभावों को शान्त करने और जीवन में समृद्धि, सुख, और शांति लाने के लिए जाप किया जाता है। Shani Gayatri Mantra In Hindi में होने इसे कोई भी आसानी से पढ़ सकता है, खास कर वो लोग जिन्हे और भाषाओँ का ज्यादा ज्ञान नहीं है।
शनि ग्रह को न्याय का देवता माना जाता है और वह हमारे कर्मों के अनुसार फल देते हैं। जब शनि ग्रह का प्रभाव प्रतिकूल होता है, तो यह व्यक्ति के जीवन में कष्ट, विलंब और संघर्ष ला सकता है। ऐसे में शनि गायत्री मंत्र का जाप करना एक अद्भुत साधना है, जो शनि के नकारात्मक प्रभावों से बचाव करता है और शनि देव की कृपा प्राप्त करने में सहायक होता है। इस अद्भुत मंत्र को हमने आपके लिए यहां दिया है –
मंत्र
ॐ काकध्वजाय विद्महे, खड्गहस्ताय धीमहि, तन्नो मन्दः प्रचोदयात।
तो आइए, इस अद्भुत मंत्र के माध्यम से हम शनि देव की आशीर्वाद प्राप्त करें और अपने जीवन को संतुलित और सुखमय बनाएं। इसके अलावा आप राहु गायत्री मंत्र, केतु गायत्री मंत्र जैसे नवग्रह गायत्री मंत्र का जाप करके भी अपने ग्रह दोषों को दूर कर सकते है।
Shani Gayatri Mantra In Hindi की जाप विधि
- शुद्धि क्रिया: सबसे पहले, किसी शांत और पवित्र स्थान का चयन करें, और उस स्थान को अच्छे से साफ पानी या गंगाजल से साफ करें। फिर स्नान करें, और फिर एक उस स्थान पर आसन पर बैठें। ध्यान रखें कि आपके आस-पास का वातावरण भी साफ-सुथरा और शांत हो।
- संकल्प: जाप शुरू करने से पहले, अपने मन में एक दृढ़ संकल्प करें कि आप शनि के नकारात्मक प्रभावों से मुक्ति पाने और शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए इस मंत्र का उच्चारण कर रहे हैं।
- मंत्र का उच्चारण: शनि देव गायत्री मंत्र इन हिंदी को श्रद्धा और एकाग्रता के साथ उच्चारण करें। मंत्र का उच्चारण करते समय, अपनी आंखें बंद रखें और अपने मन को पूरी तरह से मंत्र के अर्थ में केंद्रित करें।
- जाप माला: जाप माला का उपयोग करके प्रत्येक माला में 108 बार मंत्र का जाप करें। एक माला समाप्त होने के बाद, एक और माला लें और फिर से मंत्र का जाप करें। 108 बार का जाप व्यक्ति को शांति और आत्म-संयम की ओर मार्गदर्शित करता है।
- ध्यान और साधना: मंत्र का जाप करते समय, शनि देव के रूप में ध्यान करें और उनके आशीर्वाद की भावना को अपने मन में उभरने दें। इस दौरान शांति, संतुलन और आत्मविश्वास का अनुभव करें।
- समाप्ति: जब आप एक पूर्ण माला या निर्धारित जाप समाप्त कर लें, तो अपने हाथ जोड़कर शनि देव को धन्यवाद दें और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करें। यह अत्यधिक महत्वपूर्ण है कि आप इस साधना को श्रद्धा और विश्वास के साथ करें।
ध्यान रखने योग्य बातें
- शनि के प्रभाव से बचने के लिए इस मंत्र का जाप शनिवार के दिन विशेष रूप से किया जाता है।
- एकाग्रता बनाए रखें और मंत्र के उच्चारण को पूरी तरह से महसूस करें।
- शांतिपूर्ण और सकारात्मक ऊर्जा के साथ हर दिन जाप करें, ताकि शनि देव की कृपा आपके जीवन में निरंतर बनी रहे।
- शनि गायत्री मंत्र का जाप केवल शनि के कष्टों से मुक्ति पाने का तरीका नहीं है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक साधना है जो आत्मज्ञान, शांति और समृद्धि की दिशा में आपकी यात्रा को प्रेरित करती है।
शनि गायत्री मंत्र बेनिफिट्स
शनि गायत्री मंत्र इन हिंदी जाप करने से कई आध्यात्मिक और भौतिक लाभ प्राप्त होते हैं। जब यह मंत्र श्रद्धा और ध्यान से जाप किया जाता है, तो इसके कई प्रभावी लाभ होते हैं जो जीवन में समृद्धि, शांति, और संतुलन लाते हैं।
- दुष्प्रभाव से मुक्ति: इस मंत्र का जाप शनि के प्रतिकूल प्रभावों को दूर करता है। यदि शनि के प्रभाव से जीवन में कष्ट, देरी, या विफलता महसूस हो रही हो, तो यह मंत्र शनि के दुष्प्रभावों को कम करता है और शनि देव की कृपा प्राप्त होती है।
- आध्यात्मिक उन्नति: शनि भगवान के इस मंत्र का जाप आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह व्यक्ति को आत्मज्ञान की ओर मार्गदर्शन करता है और उसे जीवन के वास्तविक उद्देश्य को समझने में मदद करता है।
- जीवन में शांति: शनि का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में तनाव, चिंता और परेशानियों का कारण बन सकता है। इस मंत्र के नियमित जाप से मानसिक शांति, संतुलन और आंतरिक संतुष्टि प्राप्त होती है।
- समस्याओं का समाधान: इस गायत्री मंत्र का जाप करने से जीवन में आने वाली विभिन्न समस्याओं का समाधान होता है। यह व्यक्ति के कर्मों में सुधार करता है और उसे सही दिशा में सोचने की शक्ति देता है।
- सफलता: इस मंत्र के प्रभाव से जीवन में समृद्धि और सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है। यह आर्थिक समृद्धि, करियर में सफलता और समग्र जीवन में प्रगति लाता है।
- शारीरिक स्वास्थ्य: शनि का प्रभाव शारीरिक कष्टों और बीमारियों का कारण भी बन सकता है। इस मंत्र का जाप शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करता है और शरीर को ऊर्जा से भरपूर बनाता है।
- कर्मों का फल: शनि ग्रह को न्याय का देवता माना जाता है। इस मंत्र के जाप से व्यक्ति को अपने अच्छे और बुरे कर्मों के परिणामों को समझने में मदद मिलती है और उसे अपने जीवन में संतुलन बनाए रखने की प्रेरणा मिलती है।
- आध्यात्मिक जागरण: इसका जाप व्यक्ति को अपने भीतर के आत्म-संयम और विश्वास को जागृत करने में मदद करता है। यह उसे अपनी आंतरिक शक्ति का अहसास कराता है और आध्यात्मिक स्तर पर प्रगति करता है।
- जीवन में सुख: इस मंत्र का जाप पारिवारिक जीवन में सुख-शांति लाता है। यह रिश्तों में सामंजस्य और समझ बढ़ाता है, जिससे पारिवारिक वातावरण सुखमय होता है।
- निवारण: यह मंत्र आध्यात्मिक बाधाओं और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है। व्यक्ति को मानसिक शुद्धि और सच्चे मार्ग पर चलने की शक्ति प्राप्त होती है।
- समझ: शनि गायत्री मंत्र लिरिक्स इन हिंदी में होने से इसे समझना आसानी हो जाता है जिससे इसका जप स्पष्ट और शुद्ध रूप से किया जा सकता है।
यह आध्यात्मिक और भौतिक जीवन दोनों में सुधार लाता है और जीवन के प्रत्येक पहलू को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
FAQ
इस मंत्र का जाप कितने समय तक करना चाहिए?
इस मंत्र का जाप कम से कम 40 दिन तक करना चाहिए, लेकिन यदि संभव हो तो इसे लंबे समय तक निरंतर किया जा सकता है।
क्या गायत्री मंत्र का जाप परिवार में सभी लोग कर सकते हैं?
हां, मंत्र का जाप परिवार के सभी सदस्य कर सकते हैं। यह मंत्र हर व्यक्ति के जीवन में शांति और समृद्धि लाने में सहायक होता है।
क्या इस मंत्र का जाप सिर्फ शनिवार को ही करना चाहिए?
यद्यपि शनिवार को यह मंत्र विशेष रूप से प्रभावी होता है, लेकिन इसे किसी भी दिन किया जा सकता है। नियमित जाप से अधिक लाभ मिलता है।
क्या मंत्र का जाप घर पर अकेले किया जा सकता है?
हां, इसका जाप घर पर अकेले भी किया जा सकता है। यदि आप एकांत में बैठकर ध्यानपूर्वक जाप करते हैं, तो यह बहुत अधिक प्रभावी होता है।

मैं मां दुर्गा की आराधना और पूजा-पाठ में गहरी रुचि रखती हूँ। गायत्री मंत्र का रोजाना जाप करती हूँ। मां दुर्गा से संबंधित मंत्र, आरती, चालीसा और अन्य धार्मिक सामग्री साझा करती हूँ। मेरा उद्देश्य भक्तों को सही पूजा विधि सिखाना और आध्यात्मिक मार्ग पर प्रेरित करना है।