मंगल गायत्री मंत्र को ज्योतिष शास्त्र में विशेष महत्व प्राप्त है, क्योंकि यह व्यक्ति के जीवन में ऊर्जा, शक्ति और साहस का संचार करता है। जब मंगल ग्रह कमजोर या अशुभ होता है, तो यह व्यक्ति के जीवन में कई समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है, जैसे शारीरिक कष्ट, मानसिक तनाव, या रिश्तों में दरारें। ऐसे समय में इस Mangal Gayatri Mantra का जाप व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि और सफलता लाने में सहायक होता है।
मंगल ग्रह का शुभ प्रभाव पाने के लिए इस मंत्र का जाप विशेष रूप से किया जाता है, जिससे न केवल ग्रह के प्रभाव को शांत किया जा सकता है, बल्कि जीवन में ऊर्जा, साहस और विजय प्राप्त की जा सकती है। इसलिए हमने आपके लिए इस मंत्र को यहां उपलब्ध कराया है –
मंत्र
ॐ अंगारकाय विदमहे शक्ति-हस्ताय धीमहि, तन्नो भौमः प्रचोदयात्.
यह मंत्र मंगल ग्रह को प्रसन्न करने और उसके नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के लिए उच्चारित किया जाता है। अगर आप अपने सभी ग्रह दोषों से मुक्ति पाना कहते है तो अभी नवग्रह गायत्री मंत्र जिसमे केतु गयत्री मंत्र, शनि गायत्री मंत्र, सूर्य गायत्री मंत्र और राहु गायत्री मंत्र का जाप करना शुरू कर दें।
Mangal Gayatri Mantra का जप करने की विधि
इसका जाप कुछ विशेष विधियों के साथ किया जाना चाहिए, ताकि इसका प्रभाव अधिकतम हो सके। निम्नलिखित विधि का पालन करने से आप मंत्र के प्रभाव को अपने जीवन में महसूस कर सकते हैं-
- स्थान और आसन: सबसे पहले, आपको एक शुद्ध और शांत स्थान का चयन करना चाहिए। ध्यान रखें कि स्थान शुद्ध और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त हो। आसन को लाल रंग का या पीला रंग का रखें, क्योंकि मंगल ग्रह का संबंध इन रंगों से है।
- सामग्री: सामग्री के लिए कुश का एक आसान अगरबत्ती, दीपक और मंगल ग्रह के प्रतीक के रूप में तांबे का कोई बर्तन, मूर्ति या चित्र ।
- अगरबत्ती: जाप स्थान पर दीपक या अगरबत्ती जलाये इससे वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
- समय का चुनाव: मंगल ग्रह से संबंधित दिन मंगलवार को इस मंत्र का जप करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इसके अलावा, सुबह का समय या संतानकर्म के बाद का समय भी अच्छा होता है।
- ध्यान: मंत्र का जाप करते समय ध्यान केंद्रित करना बहुत आवश्यक है। आपको मानसिक रूप से शांत और समर्पित रहना चाहिए। यह सुनिश्चित करें कि आपके मन में कोई अन्य विचार न हो।
- मंत्र का जप: इस मंत्र का जप 108 बार करें। माला का उपयोग करते हुए एक-एक मनके पर मंत्र का जाप करें और हर मनके पर अपनी श्रद्धा और आस्था को समर्पित करें। मंत्र का जप करते समय पूरे विश्वास और श्रद्धा के साथ इसे बोलें। हर शब्द को स्पष्ट और सही तरीके से उच्चारित करना चाहिए।
- समापन: मंत्र जाप के बाद मूर्ति पर फूल और चन्दन अर्पित करे और उनसे प्रार्थना करे।
मंगल ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति में साहस, आत्मविश्वास और संघर्ष की शक्ति आती है, लेकिन जब यह ग्रह अशुभ स्थिति में होता है, तो यह जीवन में अनेक समस्याएँ और कष्ट उत्पन्न कर सकता है।
मंगल गायत्री मंत्र के लाभ
मंत्र के जाप से व्यक्ति के जीवन में कई सकारात्मक परिवर्तन हो सकते हैं। यहां हम इस गायत्री मंत्र के कुछ प्रमुख लाभों के बारे में बात करेंगे:
- शारीरिक स्वास्थ्य: मंगल ग्रह का संबंध शारीरिक ऊर्जा और स्वास्थ्य से है। यदि मंगल ग्रह कमजोर हो तो शारीरिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इस मंत्र का जप करने से शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।
- मानसिक शांति: यह गायत्री मंत्र का जप मानसिक शांति और संतुलन लाने में सहायक होता है। यह मानसिक तनाव को दूर करता है और व्यक्ति को शांतिपूर्ण जीवन जीने की क्षमता प्रदान करता है।
- साहस में वृद्धि: मंगल ग्रह व्यक्ति में साहस, आत्मविश्वास और विजय की भावना को प्रोत्साहित करता है। जब व्यक्ति इस मंत्र का जाप करता है, तो उसके भीतर आत्मविश्वास और साहस की वृद्धि होती है और वह कठिन परिस्थितियों का सामना करने के लिए भी तैयार रहता है।
- दुश्मनों से रक्षा: यह मंत्र शत्रुओं के नकारात्मक प्रभावों को दूर करता है और व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करता है। यह विशेष रूप से व्यापारिक प्रतिस्पर्धा या शत्रुओं से संबंधित मुद्दों में लाभकारी होता है।
- सामाजिक स्थिति: इस मंत्र का जप व्यक्ति की सामाजिक स्थिति को सशक्त करता है और समाज में उसका स्थान ऊँचा होता है। यह कार्यों में सफलता और सम्मान प्राप्त करने में मदद करता है।
- विवाह में सफलता: मंगल ग्रह के कमजोर प्रभाव से विवाह में विघ्न और समस्याएं आ सकती हैं ऐसे में इस गायत्री मंत्र का जप विवाह से संबंधित समस्याओं को दूर करता है और विवाह में सफलता दिलाता है।
- सकारात्मक ऊर्जा: गायत्री मंत्र से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह घर, कार्यक्षेत्र और मानसिक स्थिति में ऊर्जा का प्रवाह करता है, जिससे व्यक्ति का जीवन सुखमय और शांतिपूर्ण बनता है।
इसके जाप से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक शांति प्राप्त करता है, साथ ही साहस, आत्मविश्वास और समृद्धि में भी वृद्धि होती है। यदि आप अपने जीवन में शांति, सफलता और समृद्धि चाहते हैं, तो इस गायत्री मंत्र का नियमित जप आपको इन सब लाभों से सुसज्जित कर सकता है।
FAQ
इस मंत्र का जप कितनी बार करना चाहिए?
इस मंत्र का जप 108 बार किया जाता है, क्योंकि 108 एक पवित्र संख्या मानी जाती है। माला का उपयोग कर इसे जपने से लाभ अधिक होता है।
क्या इस गायत्री मंत्र का जप नियमित रूप से करना अनिवार्य चाहिए?
नहीं, आप इसका जप 40 दिन तक भी नियमित रूप से कर सकते हैं, और 40 दिन के बाद, इसके प्रभाव को देख सकते है।
यह मंत्र किन-किन भाषाओँ में उपलब्ध है ?
इस मंत्र को आप हिंदी, इंग्लिश, संस्कृत, तमिल, तेलगु आदि भाषाओँ में प्राप्त कर सकते है।

मैं मां दुर्गा की आराधना और पूजा-पाठ में गहरी रुचि रखती हूँ। गायत्री मंत्र का रोजाना जाप करती हूँ। मां दुर्गा से संबंधित मंत्र, आरती, चालीसा और अन्य धार्मिक सामग्री साझा करती हूँ। मेरा उद्देश्य भक्तों को सही पूजा विधि सिखाना और आध्यात्मिक मार्ग पर प्रेरित करना है।