Gayatri Mantra Lyrics | गायत्री मंत्र लिरिक्स

गायत्री मंत्र लिरिक्स हमारे हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण और पवित्र मंत्र है, जिसे वेदों में बहुत उच्च स्थान दिया गया है। इसे विशेष रूप से ध्यान, पूजा, और प्रार्थना के समय जपने का विधान है। Gayatri mantra lyrics की सम्पूर्ण रचना संस्कृत भाषा में की गई हैं और इसका अर्थ व्यक्ति के मन, बुद्धि और आत्मा को शुद्ध करना है।

इस मंत्र में सृष्टि के पालनहार, सूर्य देव की स्तुति की जाती है और उनसे बुद्धि और ज्ञान की प्रार्थना की जाती है। गायत्री मंत्र का नियमित जप करने से मानसिक शांति, आत्मिक बल और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। इसे दिन में तीन बार – सुबह, दोपहर और शाम को जपना शुभ माना जाता है। यदि आप इस मंत्र के लिरिक्स को पढ़ना चाहते हैं तो हमने आपके लिए सम्पूर्ण गायत्री मंत्र को निचे उपलब्ध कराया है।

ॐ भूर्भुवः स्वः।
तत्सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि।
धियो यो नः प्रचोदयात्॥

आप यहाँ लिरिक्स को पढ़ने के अलावां gayatri mantra pdf और gayatri mantra image को अपने फ़ोन में डाउनलोड करके भी रख सकते हैं जिसका उपयोग आप गायत्री मंत्र चैंटिंग के लिए कहीं भी और कभी भी कर सकते हैं जो आपके लिए लाभदायक हो सकता है।

Gayatri mantra lyrics की सम्पूर्ण पाठ विधि

गायत्री मंत्र को सही विधि से जपना आवश्यक होता है ताकि इसका पूर्ण लाभ अच्छी तरह से मिल सके। यहाँ इस मंत्र को जपने की सम्पूर्ण विधियों को हमने निम्नलिखित रूप से उपलब्ध कराया है जो इस प्रकार से हैं:

  1. स्थान चयन: इस मंत्र का जाप करने से पूर्व एक शांत और पवित्र स्थान का चयन करें। ताकि ध्यान अच्छी तरह से केंद्रित रहे।
  2. मंत्र उच्चारण: गायत्री मंत्र का सही उच्चारण बहुत महत्वपूर्ण होता है। पाठ करते समय हर शब्द पर ध्यान दें ताकि मंत्र की ऊर्जा और प्रभाव सही रूप से प्राप्त हो सके।
  3. जप का समय: इस मंत्र का जप दिन में तीन समय विशेष रूप से किया जा सकता है:
  • सुबह सूर्योदय से पहले
  • दोपहर के समय
  • शाम को सूर्यास्‍त से पहले
  1. ध्यान और आसन: गायत्री मंत्र जपते समय ध्यान की स्थिति अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है। इसलिए सिद्धासन या पद्मासन में बैठकर, रीढ़ सीधी रखते हुए आँखें बंद करें और मन को शांत रखें। इस दौरान सूर्य या अग्नि का ध्यान किया जा सकता है।
  2. माला का प्रयोग: रुद्राक्ष या तुलसी की माला का प्रयोग करते हुए इस मंत्र का जाप 108 बार करें और साथ ही इस बात का ध्यान रखें की माला को हमेशा दाहिने हाथ से ही पकड़ें और अनामिका व अंगूठे के बीच रखें।
  3. आस्था और भक्ति: गायत्री मंत्र जपते समय सच्ची भक्ति और आस्था से मन, वचन और कर्म को शुद्ध करें। मंत्र का प्रभाव तभी प्रबल होता है जब इसे श्रद्धा के साथ जपा जाता है।
  4. समापन: मंत्र जाप के अंत में गायत्री माँ का ध्यान करते हुए उनके कृपा की कामना करें।

इन विधियों का पालन करने से गायत्री मंत्र के जप का सम्पूर्ण लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

गायत्री मंत्र लिरिक्स से होने वाले मुख्य लाभ

गायत्री मंत्र के जप से अनेक आध्यात्मिक और मानसिक लाभ प्राप्त होते हैं जिसे मुख्य रूप से निचे वर्णित किया गया है:

  • मानसिक शांति: गायत्री मंत्र का नियमित जप करने से मन को गहरी शांति प्राप्त होती है। यह मंत्र मानसिक तनाव को कम करता है और ध्यान को केंद्रित करने में मदद करता है, जिससे जीवन में संतुलन बना रहता है।
  • आत्मिक विकास: गायत्री मंत्र के शब्द आत्मा को शुद्ध और जागरूक बनाते हैं। इसका उच्चारण व्यक्ति के भीतर आत्मिक विकास को बढ़ावा देता है और उसे उच्च आध्यात्मिक स्तर पर पहुँचाता है।
  • बुद्धि और ज्ञान: इस मंत्र में बुद्धि और ज्ञान के विकास की प्रार्थना की जाती है। इसके नियमित जप से व्यक्ति की सोचने-समझने की क्षमता में सुधार होता है और निर्णय लेने की शक्ति बढ़ती है।
  • स्वास्थ्य में सुधार: गायत्री मंत्र जपते समय शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है। यह मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के साथ-साथ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।
  • नकारात्मकता: गायत्री मंत्र के नियमित जप से नकारात्मक विचार और ऊर्जा दूर हो जाते हैं। यह मंत्र सकारात्मकता को बढ़ावा देता है और जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति प्रदान करता है।
  • पाप और पुण्य: गायत्री मंत्र को जपने से पुराने पापों का नाश होता है और जीवन में पुण्य की प्राप्ति होती है। यह व्यक्ति को धर्म और सत्य के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।
  • सुख-समृद्धि: इस मंत्र का नियमित जप करने से जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। यह मंत्र व्यक्ति के जीवन में शांति, सुख, और समृद्धि लाने में सहायक होता है।

गायत्री मंत्र के इन लाभों को प्राप्त करने के लिए श्रद्धा और विश्वास के साथ इसका नियमित जप करना चाहिए।

FAQ

गायत्री मंत्र का जप कितनी बार करना चाहिए?

गायत्री मंत्र का जप 108 बार करने की परंपरा है, जिसे एक माला कहा जाता है। आप इसे अपने समय और सुविधानुसार कम या ज्यादा भी जप सकते हैं, लेकिन नियमित जप करना अत्यंत लाभकारी होता है।

गायत्री मंत्र किसने रचा था?

गायत्री मंत्र का प्रभाव कितना शक्तिशाली होता है?

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