गायत्री मंत्र को पूरे संसार में एक दिव्य और जागरूकता बढ़ाने वाला मंत्र माना जाता है, लेकिन देवा प्रमल गायत्री मंत्र उस पारंपरिक मंत्र से थोड़ा भिन्न है। Deva Premal Gayatri Mantra देवा प्रमल द्वारा प्रस्तुत किया गया था और उसकी आवाज में एक विशेष तरह की गहरी शांति और आध्यात्मिकता की अनुभूति होती है।
उनका गायत्री मंत्र, एक नर्म और सुखद ध्वनि में प्रस्तुत किया जाता है, जो सुनने वाले के मन और आत्मा को शांति और संतुलन प्रदान करता है। देवा प्रमल के गायत्री मंत्र में जो विशिष्टता है, वह है उसकी ध्वनि की कोमलता और उसकी मानसिक शांति की भावना, जो हर किसी के दिल में गहरी छाप छोड़ती है।
देवा प्रमल गायत्री मंत्र
ॐ भूर् भुवहा स्वाहा, तत् सवितुर्वरेण्यम्।
भर्गो देवस्य धिमहि, धियो योनाः प्रचोदयात्
यह मंत्र न केवल आंतरिक शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है, बल्कि यह जीवन के हर पहलू में संतुलन और शांति लाने के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में काम करता है। इसके अलावा आप वाराही गायत्री मंत्र, चंडी गायत्री मंत्र और तारा गायत्री मंत्र का जाप भी कर सकते है।
Deva Premal Gayatri Mantra की जाप विधि
इस मंत्र का सही तरीके से जाप करने से मानसिक शांति, आत्मिक शक्ति और दिव्य ऊर्जा का अनुभव होता है। यहां हम इसके जाप की विधि को सरल और प्राकृतिक रूप से समझेंगे।
- शांत वातावरण: मंत्र का जाप करने से पहले, यह जरूरी है कि आप एक शांत और स्वच्छ स्थान पर बैठें। इस स्थान को नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त रखें, ताकि आप पूरी तरह से ध्यान केंद्रित कर सकें।
- शरीर की स्थिति: आपको इस मंत्र के जाप के लिए एक आरामदायक और स्थिर स्थिति में बैठना चाहिए। पद्मासन या सुखासन जैसी साधारण योग मुद्राओं में बैठना सबसे अच्छा होता है।
- एकाग्रता: जाप शुरू करने से पहले, अपनी आँखें बंद करके गहरी श्वास लें। श्वास को धीरे-धीरे बाहर छोड़ते हुए अपने मन को शांत करें और किसी भी प्रकार के विचारों से मुक्त होने की कोशिश करें।
- मंत्र का जाप: देवा प्रमल के गायत्री मंत्र का जाप ध्यानपूर्वक और सही लय में करना चाहिए। इस मंत्र का उच्चारण करते समय शब्दों को स्पष्ट और सटीक रूप से उच्चारित करें, ताकि हर ध्वनि का प्रभाव आपके भीतर पहुंचे।
- मंत्र संख्या: मंत्र का जाप आप 108 बार या 1008 बार कर सकते हैं। आप इसके लिए माला का उपयोग भी कर सकते हैं, जिससे आप अपनी मानसिक एकाग्रता को बनाए रख सकें।
- शांति और आभार: जाप के अंत में, कुछ समय के लिए शांति का अनुभव करें। गहरी श्वास लें और उस दिव्य ऊर्जा को अपने भीतर महसूस करें। फिर, अपने ह्रदय में आभार का भाव रखें और उन दिव्य शक्तियों के लिए धन्यवाद दें जिन्होंने आपको इस मंत्र को जापने का अवसर दिया।
इस प्रक्रिया को आप नियमित रूप से करते रहें, और आपको आत्मिक शांति, ऊर्जा और जीवन में सकारात्मक बदलाव का अनुभव होगा।
मंत्र का जाप करने के फायदे
मंत्र का जाप करने से कई आध्यात्मिक और मानसिक लाभ होते हैं, जो व्यक्ति की जीवन यात्रा को और भी सुंदर और सार्थक बना सकते हैं। इस मंत्र का सही तरीके से जाप करने से निम्नलिखित लाभ हो सकते हैं-
- आध्यात्मिक उन्नति: गायत्री मंत्र के जाप से आत्मा की गहराई में शांति और समृद्धि का अनुभव होता है। यह व्यक्ति को आध्यात्मिक रूप से जागृत करता है और उसे अपने जीवन के उच्च उद्देश्य को समझने में मदद करता है।
- मानसिक शांति: जब हम इस मंत्र का जाप करते हैं, तो हमारा मन शांत होता है और हम अपने विचारों पर नियंत्रण पा सकते हैं। यह हमें तनावपूर्ण परिस्थितियों में भी शांत और संतुलित रहने की शक्ति देता है।
- एकाग्रता में वृद्धि: जाप करते समय व्यक्ति का ध्यान पूरी तरह से मंत्र पर केंद्रित होता है, जिससे उसकी मानसिक शक्ति और एकाग्रता में सुधार होता है। यह ध्यान और मानसिक स्पष्टता को भी बढ़ाता है, जिससे किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त की जा सकती है।
- आत्मविश्वास: देवा प्रमल जी का गायत्री मंत्र का नियमित जाप आत्मविश्वास को बढ़ाता है। यह व्यक्ति के भीतर सकारात्मक ऊर्जा और आत्म-संयम पैदा करता है, जिससे वह जीवन की चुनौतियों का सामना अधिक धैर्य और साहस के साथ कर सकता है।
- शारीरिक स्वास्थ्य: इस मंत्र के जाप से मानसिक शांति का लाभ शारीरिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। जब मानसिक स्थिति संतुलित होती है, तो शरीर में भी शारीरिक स्वास्थ्य की स्थिति बेहतर रहती है।
- संबंधों में सुधार: यह मंत्र व्यक्ति के भीतर के प्रेम और सहानुभूति को जागृत करता है, जिससे उसके संबंध और अधिक मधुर और सशक्त बनते हैं।
- पारिवारिक समृद्धि: गायत्री मंत्र के जाप से जीवन में सकारात्मकता आती है, जिससे परिवार में सामंजस्य और आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है। यह व्यक्ति को सही दिशा में सोचने और सही निर्णय लेने की शक्ति प्रदान करता है।
इस प्रकार, गायत्री मंत्र का नियमित जाप शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से लाभकारी है। यह जीवन में संतुलन, शांति और समृद्धि लाने का एक प्रभावी साधन है।
FAQ
इसका जाप कब करना चाहिए?
इस मंत्र का जाप सुबह और शाम के समय करना सबसे लाभकारी होता है, जब वातावरण शांत और शुद्ध होता है।
क्या इस मंत्र का जाप हर किसी को करना चाहिए?
हाँ, इस मंत्र का जाप कोई भी व्यक्ति कर सकता है जो मानसिक शांति, दिव्य ऊर्जा और आत्मिक उन्नति चाहता है।
क्या इस मंत्र का जाप करने से कोई दोष होता है?
यदि मंत्र का जाप सही तरीके से और श्रद्धा के साथ किया जाए तो इसका कोई दोष नहीं होता। ध्यान रखें कि जाप में पूरी एकाग्रता हो और आप इसे शुद्ध भावना से करें।

मैं मां दुर्गा की आराधना और पूजा-पाठ में गहरी रुचि रखती हूँ। गायत्री मंत्र का रोजाना जाप करती हूँ। मां दुर्गा से संबंधित मंत्र, आरती, चालीसा और अन्य धार्मिक सामग्री साझा करती हूँ। मेरा उद्देश्य भक्तों को सही पूजा विधि सिखाना और आध्यात्मिक मार्ग पर प्रेरित करना है।