Batuk Bhairav Gayatri Mantra | बटुक भैरव गायत्री मंत्र: एक शक्तिशाली सुरक्षा कवच

बटुक भैरव गायत्री मंत्र भगवान भैरव के बाल रूप को समर्पित एक अत्यंत प्रभावशाली मंत्र है। Batuk Bhairav Gayatri Mantra साधकों को न केवल भय, नकारात्मक ऊर्जाओं और बाधाओं से सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि आत्मबल, साहस और सफलता का मार्ग भी प्रशस्त करता है।

इस भैरव गायत्री मंत्र का नियमित जाप करने से जीवन में आने वाली परेशानियाँ दूर होती हैं, शत्रुओं से रक्षा मिलती है और मन में स्थिरता आती है। जो लोग निडरता, आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा चाहते हैं, उनके लिए यह मंत्र किसी संजीवनी से कम नहीं। यह मंत्र नीचे दिया है –

Batuk Bhairav Gayatri Mantra

ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ॐ स्वाहा ।

श्रद्धा और विश्वास के साथ इस मंत्र का उच्चारण करने से बटुक भैरव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में हर प्रकार की कठिनाइयाँ आसान हो जाती हैं। इनके साथ साथ शिव गायत्री मंत्र, दुर्गा गायत्री मंत्र और रूद्र गायत्री मंत्र का जाप जरूर करे। इससे आपके जीवन में सकारत्मकता जल्दी ही आती है।

बटुक भैरव गायत्री मंत्र की जाप विधि

बटुक भैरव गायत्री मंत्र के जाप के लिए शुद्ध मन, श्रद्धा और सही विधि का पालन करना आवश्यक होता है। इसलिए हमने मंत्र का जाप करने की एक सामन्य विधि को यहां बताया है। आप चाहे तो अपने विधि के अनुसार भी जाप कर सकते है।

  1. शुद्धिकरण: प्रातः काल उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। यदि संभव हो, तो किसी पवित्र स्थान या अपने पूजा स्थल पर बैठें। शरीर और मन की शुद्धि के साथ इस जाप की शुरुआत करें।
  2. आसन: किसी शांत स्थान पर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें। आसन पर बैठना उचित होता है, जिससे शरीर और मन स्थिर रह सके। कुश या ऊन के आसन का प्रयोग करने से ऊर्जा का संतुलन बना रहता है।
  3. दीपक और धूप : भगवान बटुक भैरव के समक्ष दीपक जलाएं और धूप या अगरबत्ती अर्पित करें। इस प्रक्रिया से वातावरण शुद्ध और सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है। मन को एकाग्र कर, भैरव जी का ध्यान करें और उनकी कृपा के लिए प्रार्थना करें।
  4. संकल्प: मंत्र जाप करने से पहले संकल्प लें कि यह जाप किसी विशेष उद्देश्य या आत्मिक उन्नति के लिए किया जा रहा है। बटुक भैरव के स्वरूप का ध्यान करें और मन ही मन उनकी छवि को साकार करें।
  5. मंत्र जाप: मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करना शुभ माना जाता है। एक माला में 108 मनके होते हैं, इसलिए मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें। यदि अधिक जाप करने की इच्छा हो, तो 3, 7 या 11 माला तक कर सकते हैं।
  6. एकाग्रता: जाप के दौरान मन को इधर-उधर भटकने न दें। अगर विचार भटकने लगें तो धीरे-धीरे उन्हें बटुक भैरव के ध्यान में लाएं। मंत्र का उच्चारण स्पष्ट, श्रद्धा और पूर्ण विश्वास के साथ करें।
  7. प्रसाद अर्पण: जाप पूर्ण होने के बाद बटुक भैरव की आरती करें और संभव हो तो गुड़, नारियल या अन्य सात्त्विक पदार्थों का भोग अर्पित करें। प्रसाद ग्रहण करें और परिवारजनों को भी दें।
  8. आभार: अंत में भगवान बटुक भैरव से अपनी साधना को स्वीकार करने की प्रार्थना करें और आभार व्यक्त करें। उन्हें प्रणाम कर अपने दैनिक कार्यों में लगें, लेकिन दिनभर अपने मन और कर्मों में शुद्धता बनाए रखें।

अगर यह मंत्र साधक नियमित रूप से श्रद्धा और नियमपूर्वक जपे, तो जीवन में आने वाली परेशानियाँ दूर होती हैं, मनोबल बढ़ता है और भगवान बटुक भैरव की कृपा सदैव बनी रहती है।

मंत्र का जाप करने के लाभ

इसका नियमित जाप करने से जीवन में अनेक सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। यह न केवल आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है, बल्कि भौतिक और मानसिक सुख-शांति भी प्रदान करता है।

  • भय से मुक्ति: इस मंत्र का जाप करने से भय, भूत-प्रेत बाधा, नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों का प्रभाव समाप्त हो जाता है। यह व्यक्ति के चारों ओर एक आध्यात्मिक सुरक्षा कवच का निर्माण करता है।
  • शत्रुओं से रक्षा: यदि जीवन में शत्रु बाधाएँ उत्पन्न कर रहे हों या किसी प्रकार की अनदेखी नकारात्मकता का सामना करना पड़ रहा हो, तो इस मंत्र का जाप करने से सुरक्षा मिलती है।
  • आत्मबल: जो व्यक्ति आत्मविश्वास की कमी, डर या अनिश्चितता महसूस करते हैं, उनके लिए यह मंत्र अत्यंत लाभकारी है। इसके नियमित जाप से साहस, धैर्य और निडरता बढ़ती है, जिससे कोई भी कठिन कार्य सरलता से किया जा सकता है।
  • समाधान: जीवन में बार-बार आने वाली परेशानियाँ, रुकावटें या किसी कार्य में असफलता का सामना करना पड़ रहा हो, तो यह मंत्र उन सभी बाधाओं को दूर करने में सहायक होता है।
  • करियर में उन्नति: व्यापार में रुकावटें आ रही हों, नौकरी में परेशानी हो रही हो या मेहनत का सही परिणाम न मिल रहा हो, तो बटुक भैरव गायत्री मंत्र का जाप आर्थिक और व्यावसायिक प्रगति में मदद करता है।
  • न्याय और कानूनी: यदि किसी व्यक्ति को झूठे आरोपों में फँसाया गया हो या किसी कानूनी विवाद में सफलता की आवश्यकता हो, तो यह मंत्र अत्यंत प्रभावी होता है। भगवान भैरव न्यायप्रिय माने जाते हैं और अपने भक्तों को न्याय दिलाने में सहायक होते हैं।
  • यात्राओं में सुरक्षा: लंबी यात्राओं पर जाने से पहले इस मंत्र का जाप करने से यात्रा मंगलमय होती है और दुर्घटनाओं से रक्षा होती है। यह मंत्र मार्ग में आने वाले विघ्नों को दूर करता है।
  • इच्छा पूर्ति: अगर कोई व्यक्ति किसी विशेष इच्छा की पूर्ति चाहता है तो बटुक भैरव गायत्री मंत्र का निष्ठापूर्वक जाप करने से इच्छाएँ पूरी होती हैं। यह मंत्र भक्तों की सच्ची मनोकामनाओं को पूरा करने वाला माना जाता है।

श्रद्धा और विश्वास के साथ इस मंत्र का नियमित जाप करने से जीवन में सुख, शांति, सुरक्षा और समृद्धि बनी रहती है। भगवान बटुक भैरव की कृपा से साधक हर कठिनाई को पार कर सफलता प्राप्त करता है।

FAQ

गायत्री मंत्र का जाप कब और कैसे करना चाहिए?

इस मंत्र का जाप प्रातः काल या रात्रि में किसी शांत स्थान पर बैठकर करना चाहिए। स्नान करके, साफ वस्त्र पहनकर, भगवान भैरव का ध्यान करते हुए रुद्राक्ष की माला से जाप करना शुभ होता है।

क्या इस मंत्र के जाप के दौरान कुछ सावधानियाँ रखनी चाहिए?

इस मंत्र का प्रभाव कितने दिनों में दिखाई देता है?

क्या इस मंत्र का जाप किसी भी दिन किया जा सकता है?

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