Pitra Gayatri Mantra ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि, तन्नो पितृो प्रचोदयात्

Pitra Gayatri Mantra | पितृ गायत्री मंत्र

पितृ गायत्री मंत्र एक ऐसा मंत्र है जो व्यक्ति को अपने पितरों के साथ जुड़ने और उनका आशीर्वाद लेने का एक दिव्य साधन प्रदान करता है। हिंदू धर्म में पितर यानी पूर्वजों को अत्यधिक सम्मान और श्रद्धा दी जाती है, और उनका आशीर्वाद जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। Pitra Gayatri Mantra विशेष … अभी देखें

Vishnu Gayatri Mantra ॐ नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि, तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्।

Vishnu Gayatri Mantra | विष्णु गायत्री मंत्र

विष्णु गायत्री मंत्र भगवान विष्णु के प्रति समर्पण का एक पवित्र और शक्तिशाली माध्यम है। भगवान विष्णु को सृष्टि के पालनकर्ता और समस्त ब्रह्मांड की रक्षा करने वाले देवता के रूप में पूजा जाता है। Vishnu Gayatri Mantra व्यक्ति के भीतर ईश्वर के प्रति असीम भक्ति और श्रद्धा की भावना को प्रज्वलित करता है। उनके नाम का स्मरण व्यक्ति को … अभी देखें

Durga Gayatri Mantra ॐ गिरिजाय च विद्महे, शिवप्रियाय च धीमहि, तन्नो दुर्गा प्रचोदयात्।

Durga Gayatri Mantra | दुर्गा गायत्री मंत्र

दुर्गा गायत्री मंत्र एक अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली मंत्र है, जो देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने और उनके आशीर्वाद से जीवन में शक्ति, साहस और समृद्धि लाने के लिए जपा जाता है। Durga Gayatri Mantra के माध्यम से देवी दुर्गा की स्तुति की जाती है और उनकी दिव्य शक्ति का आह्वान किया जाता है। इस गायत्री मंत्र का पाठ … अभी देखें

Lakshmi Gayatri Mantra ॐ महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च धीमहि, तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्।

Lakshmi Gayatri Mantra | लक्ष्मी गायत्री मंत्र

देवी लक्ष्मी को धन, वैभव, सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी माना जाता है, और लक्ष्मी गायत्री मंत्र उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे अच्छा साधन है। Lakshmi Gayatri Mantra के माध्यम से हम देवी लक्ष्मी की शक्ति और कृपा को प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं, ताकि हमारे जीवन में समृद्धि और खुशहाली का वास हो। यह मंत्र एक … अभी देखें

Surya Gayatri Mantra ऊँ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि, तन्नो सूर्यः प्रचोदयत॥

Surya Gayatri Mantra | सूर्य गायत्री मंत्र

सूर्य गायत्री मंत्र का जाप विशेष रूप से सूर्य देव की उपासना के लिए किया जाता है। सूर्य देव को भारतीय धार्मिक परंपरा में ऊर्जा, शक्ति, और जीवन के प्रदाता के रूप में पूजा जाता है, और उनके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। Surya Gayatri Mantra सूर्य देव के प्रति श्रद्धा और आशीर्वाद का प्रतीक है। … अभी देखें

Hanuman Gayatri Mantra ओम् आंजनेयाय विद्मिहे वायुपुत्राय धीमहि। तन्नो: हनुमान: प्रचोदयात ॥१॥ ओम् रामदूताय विद्मिहे कपिराजाय धीमहि। तन्नो: मारुति: प्रचोदयात॥२॥ ओम् अन्जनिसुताय विद्मिहे महाबलाय धीमहि। तन्नो: मारुति: प्रचोदयात॥३॥

Hanuman Gayatri Mantra | हनुमान गायत्री मंत्र:

हनुमान गायत्री मंत्र एक शक्तिशाली और प्रभावशाली वैदिक मंत्र है, जो हिन्दू धर्म के प्रमुख देवता हनुमान जी की उपासना और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए जपा जाता है। यह मंत्र भगवान हनुमान की शक्ति, भक्ति, और उनकी अद्वितीय क्षमता का स्मरण कराता है। Hanuman Gayatri Mantra का शाब्दिक अर्थ भगवान हनुमान के गुणों और शक्तियों की स्तुति करना है। … अभी देखें

Gayatri Chalisa ह्रीं श्रीं क्लीं मेधा प्रभा जीवन ज्योति प्रचण्ड, शान्ति कान्ति जागृत प्रगति रचना शक्ति अखण्ड ॥1॥ जगत जननी मङ्गल करनिं गायत्री सुखधाम, प्रणवों सावित्री स्वधा स्वाहा पूरन काम ॥2॥ भूर्भुवः स्वः ॐ युत जननी, गायत्री नित कलिमल दहनी ॥3॥ अक्षर चौविस परम पुनीता, इनमें बसें शास्त्र श्रुति गीता ॥4॥ शाश्वत सतोगुणी सत रूपा, सत्य सनातन सुधा अनूपा ॥ हंसारूढ सितंबर धारी, स्वर्ण कान्ति शुचि गगन-बिहारी ॥5॥ पुस्तक पुष्प कमण्डलु माला, शुभ्र वर्ण तनु नयन विशाला ॥6॥ ध्यान धरत पुलकित हित होई, सुख उपजत दुःख दुर्मति खोई ॥7॥ कामधेनु तुम सुर तरु छाया, निराकार की अद्भुत माया ॥8॥ तुम्हरी शरण गहै जो कोई, तरै सकल संकट सों सोई॥9॥ सरस्वती लक्ष्मी तुम काली, दिपै तुम्हारी ज्योति निराली ॥10॥ तुम्हरी महिमा पार न पावैं, जो शारद शत मुख गुन गावैं ॥11॥ चार वेद की मात पुनीता, तुम ब्रह्माणी गौरी सीता ॥12॥ महामन्त्र जितने जग माहीं, कोई गायत्री सम नाहीं ॥13॥ सुमिरत हिय में ज्ञान प्रकासै, आलस पाप अविद्या नासै ॥14॥ सृष्टि बीज जग जननि भवानी, कालरात्रि वरदा कल्याणी ॥15॥ ब्रह्मा विष्णु रुद्र सुर जेते । तुम सों पावें सुरता तेते ॥16॥ तुम भक्तन की भकत तुम्हारे, जननिहिं पुत्र प्राण ते प्यारे ॥17॥ महिमा अपरम्पार तुम्हारी, जय जय जय त्रिपदा भयहारी ॥18॥ पूरित सकल ज्ञान विज्ञाना, तुम सम अधिक न जगमे आना ॥19॥ तुमहिं जानि कछु रहै न शेषा, तुमहिं पाय कछु रहै न कलेसा ॥20॥ जानत तुमहिं तुमहिं है जाई, पारस परसि कुधातु सुहाई ॥21॥ तुम्हरी शक्ति दिपै सब ठाई, माता तुम सब ठौर समाई ॥22॥ ग्रह नक्षत्र ब्रह्माण्ड घनेरे, सब गतिवान तुम्हारे प्रेरे ॥23॥ सकल सृष्टि की प्राण विधाता, पालक पोषक नाशक त्राता ॥24॥ मातेश्वरी दया व्रत धारी, तुम सन तरे पातकी भारी ॥25॥ जापर कृपा तुम्हारी होई, तापर कृपा करें सब कोई ॥26॥ मंद बुद्धि ते बुधि बल पावें, रोगी रोग रहित हो जावें ॥27॥ दरिद्र मिटै कटै सब पीरा, नाशै दूःख हरै भव भीरा ॥28॥ गृह क्लेश चित चिन्ता भारी, नासै गायत्री भय हारी ॥29॥ सन्तति हीन सुसन्तति पावें, सुख संपति युत मोद मनावें ॥30॥ भूत पिशाच सबै भय खावें, यम के दूत निकट नहिं आवें ॥31॥ जे सधवा सुमिरें चित ठाई, अछत सुहाग सदा शुबदाई ॥32॥ घर वर सुख प्रद लहैं कुमारी, विधवा रहें सत्य व्रत धारी ॥33॥ जयति जयति जगदंब भवानी, तुम सम थोर दयालु न दानी ॥34॥ जो सद्गुरु सो दीक्षा पावे, सो साधन को सफल बनावे ॥35॥ सुमिरन करे सुरूयि बडभागी, लहै मनोरथ गृही विरागी ॥36॥ अष्ट सिद्धि नवनिधि की दाता, सब समर्थ गायत्री माता ॥37॥ ऋषि मुनि यती तपस्वी योगी, आरत अर्थी चिन्तित भोगी ॥38॥ जो जो शरण तुम्हारी आवें, सो सो मन वांछित फल पावें ॥39॥ बल बुधि विद्या शील स्वभाओ, धन वैभव यश तेज उछाओ ॥40॥ सकल बढें उपजें सुख नाना, जे यह पाठ करै धरि ध्याना ॥41॥ यह चालीसा भक्ति युत पाठ करै जो कोई, तापर कृपा प्रसन्नता गायत्री की होय।

Gayatri Chalisa | गायत्री चालीसा

गायत्री चालीसा हिंदू धर्म की एक अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली स्तुति है, जो माँ गायत्री देवी को समर्पित है। गायत्री देवी को वेदों की माँ और सृष्टि की जननी माना जाता है। Gayatri Chalisa भक्तों के लिए न केवल एक प्रार्थना है, बल्कि यह जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, आत्मबल और मानसिक शांति लाने का एक माध्यम भी है। इस चालीसा … अभी देखें

gayatri mantra chanting "ॐ भूर्भुवः स्वः। तत्सवितुर्वरेण्यं। भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात्॥"

Gayatri Mantra Chanting | गायत्री मंत्र चैंटिंग

गायत्री मंत्र चैंटिंग हमारी प्राचीन संस्कृति और वेदों से जुड़ा एक शक्तिशाली साधन है। गायत्री मंत्र के नियमित जाप से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और मानसिक शांति का संचार होता है। Gayatri Mantra Chanting के दौरान, व्यक्ति “ॐ भूर्भुव: स्व:” से मंत्र को आरंभ करता है, जो आत्मा, मन और शरीर की शुद्धि का प्रतीक है। ध्यान में … अभी देखें

gayatri mantra lyrics "ॐ भूर्भुवः स्वः। तत्सवितुर्वरेण्यं। भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात्॥"

Gayatri Mantra Lyrics | गायत्री मंत्र लिरिक्स

गायत्री मंत्र लिरिक्स हमारे हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण और पवित्र मंत्र है, जिसे वेदों में बहुत उच्च स्थान दिया गया है। इसे विशेष रूप से ध्यान, पूजा, और प्रार्थना के समय जपने का विधान है। Gayatri mantra lyrics की सम्पूर्ण रचना संस्कृत भाषा में की गई हैं और इसका अर्थ व्यक्ति के मन, बुद्धि और आत्मा को शुद्ध करना … अभी देखें

anuradha paudwal gayatri mantra lyrics "ॐ भूर्भुवः स्वः। तत्सवितुर्वरेण्यं। भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात्॥"

Anuradha Paudwal Gayatri Mantra Lyrics | अनुराधा पौडवाल गायत्री मंत्र लिरिक्स

अनुराधा पौडवाल का नाम सुनते ही मन में भक्ति और शांति का एहसास जाग उठता है। उनकी आवाज में जो सादगी और दिव्यता है, वह सीधे दिल तक पहुंचती है। अनुराधा पौडवाल गायत्री मंत्र लिरिक्स एक ऐसा मंत्र है जो न केवल भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर को दर्शाता है, बल्कि हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और नई प्रेरणा का … अभी देखें