Anjaneya Gayatri Mantra | अंजनीया गायत्री मंत्र: शक्ति और साहस का स्त्रोत

अंजनीया गायत्री मंत्र हिंदू धर्म में भगवान हनुमान जी की पूजा का एक महत्वपूर्ण और शक्तिशाली मंत्र है। Anjaneya Gayatri Mantra भगवान हनुमान की भक्ति, साहस, शक्ति, और आशीर्वाद को प्राप्त करने का सर्वोत्तम उपाय माना जाता है। हनुमान जी को आदर्श भक्त, महावीर और संकटमोचन के रूप में पूजा जाता है, और उनका आशीर्वाद जीवन में हर प्रकार की कठिनाई से मुक्ति दिलाता है।

इस गायत्री मंत्र का जप न केवल मानसिक शांति और शारीरिक बल प्रदान करता है, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करता है। जब हम इस मंत्र का उच्चारण श्रद्धा और विश्वास से करते हैं, तो यह हमें हनुमान जी के दिव्य आशीर्वाद से भर देता है, जिससे हमारे अंदर आत्मविश्वास, साहस और दृढ़ता का संचार होता है।

मंत्र

ओम् आंजनेयाय विद्मिहे वायुपुत्राय धीमहि,
तन्नो: हनुमान: प्रचोदयात।

ओम् रामदूताय विद्मिहे कपिराजाय धीमहि,
तन्नो: मारुति: प्रचोदयात।

ओम् अन्जनिसुताय विद्मिहे महाबलाय धीमहि,
तन्नो: मारुति: प्रचोदयात।

ओम् ह्रीं ह्रीं हूँ हौं हृ: इति मूल मंत्र |

यह मंत्र न केवल आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग खोलता है, बल्कि व्यक्ति को हर तरिके से सशक्त बनाता है। हनुमान जी के साथ आप राम गायत्री मंत्र, शिव गायत्री मंत्र और विष्णु गायत्री मंत्र का जाप कर सकते है

Anjaneya Gayatri Mantra जाप विधि

इसका जाप करते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि मंत्र का प्रभाव अधिकतम हो और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आए। यहां हम इस मंत्र के जाप की विधि को सरल और प्रभावशाली तरीके से समझेंगे:

  1. वातावरण: जाप शुरू करने से पहले, एक शांत और स्वच्छ स्थान पर बैठें। यह स्थान जितना अधिक पवित्र और शुद्ध होगा, उतना ही मंत्र का प्रभाव बढ़ेगा। मंदिर, पूजा कक्ष, या घर के किसी शांत कोने में बैठना उपयुक्त रहेगा।
  2. शुद्धिकरण: जाप से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। यह शारीरिक और मानसिक शुद्धता के लिए आवश्यक है। शुद्ध और सात्विक मन से ही इस मंत्र का असर होता है।
  3. आसन ग्रहण: जाप के लिए सुखासन, पद्मासन, या वज्रासन की स्थिति में बैठें। शरीर को स्थिर रखें, ताकि आप अपने मन को पूर्ण रूप से मंत्र पर केंद्रित कर सकें। ध्यान रखें कि शरीर और मन दोनों शांत और एकाग्र हों।
  4. धूप जलाएं:
    जाप से पहले दीपक और अगरबत्ती या धूप जलाना शुभ माना जाता है। इससे वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और पूजा का माहौल पवित्र बनता है।
  5. मंत्र जाप: अब, इस अंजनीया गायत्री मंत्र का जाप करें। मंत्र का उच्चारण ध्यानपूर्वक और स्पष्ट रूप से करें।
  6. ध्यान: मंत्र के हर शब्द के साथ ध्यान रखें कि आप भगवान हनुमान से साहस, बल, और आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं। भावनात्मक और मानसिक रूप से इस मंत्र का जाप करें, ताकि आपका मन पूरी तरह से एकाग्र हो।
  7. समर्पण: मंत्र जाप के बाद, कुछ समय के लिए शांति से बैठें और हनुमान जी से प्रार्थना करें। आप अपनी समस्याओं, चिंताओं और परेशानियों के लिए उनसे सहायता मांग सकते हैं। उनके प्रति समर्पण और विश्वास को व्यक्त करें।
  8. प्रसाद: यदि संभव हो तो, पूजा के बाद हनुमान जी को कुछ प्रसाद अर्पित करें, जैसे गुड़, चना, या लड्डू। यह एक रूप में श्रद्धा और आभार व्यक्त करने का तरीका है।
  9. समापन: जाप के बाद, भगवान हनुमान का धन्यवाद करें और समापन करें। अब आप देखेंगे कि मंत्र का प्रभाव आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगा।

इसके जाप से न केवल भगवान हनुमान का आशीर्वाद मिलता है, बल्कि यह आपके जीवन में मानसिक और शारीरिक शक्ति, संकटों से मुक्ति और सफलता की दिशा में मार्गदर्शन भी प्रदान करता है।

इस मंत्र के फायदे

इस गायत्री मंत्र का जाप करने से जीवन में अनेक सकारात्मक बदलाव आते हैं। यहां हम इस मंत्र के कुछ प्रमुख लाभों के बारे में चर्चा करेंगे:

  • स्थिरता: इस मंत्र का जाप करने से मन को शांति मिलती है। यह मानसिक तनाव, चिंता और अवसाद को दूर करता है।
  • शक्ति और ऊर्जा: हनुमान जी की पूजा और उनका आशीर्वाद शारीरिक बल में वृद्धि करता है। यह मंत्र शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और थकान, कमजोरी और शारीरिक समस्याओं से छुटकारा दिलाता है।
  • आत्मविश्वास: इसका जाप करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। भगवान हनुमान के आशीर्वाद से व्यक्ति साहस और दृढ़ता प्राप्त करता है, जिससे वह जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता हासिल करता है।
  • समस्या: भगवान हनुमान जी को संकटमोचन कहा जाता है, जो हर प्रकार के संकट और बाधाओं को दूर करने में सक्षम हैं।
  • आशीर्वाद: यह मंत्र भगवान हनुमान के आशीर्वाद का स्रोत है, जो व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का संचार करता है।
  • पारिवारिक जीवन: मंत्र का जाप परिवार में सामंजस्य और प्रेम बनाए रखने में मदद करता है। यह घर के वातावरण को पवित्र और शांतिपूर्ण बनाता है, जिससे परिवार के सदस्य एक-दूसरे के प्रति समझदारी और सहानुभूति विकसित करते हैं।
  • नकारात्मक ऊर्जा: इस मंत्र का नियमित जाप व्यक्ति को नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है। यह मानसिक और शारीरिक स्तर पर शुद्धता बनाए रखता है और व्यक्ति के चारों ओर एक सकारात्मक आभा उत्पन्न करता है।
  • साहस और उत्साह: हनुमान जी का आशीर्वाद व्यक्ति को जीवन में साहस, उत्साह और प्रेरणा देता है। यह मंत्र व्यक्ति को हर कठिनाई का सामना करने का बल प्रदान करता है और उसे अपने लक्ष्यों के प्रति दृढ़ और उत्साही बनाता है।

इस प्रकार, यह गायत्री मंत्र का जाप न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाता है, बल्कि व्यक्ति को जीवन में सफलता, शांति और आशीर्वाद की प्राप्ति भी होती है।

FAQ

क्या मंत्र का जाप नियमित रूप से करना आवश्यक है ?

नहीं, आप अपनी सुविधा के अनुसार किसी विशेष दिन जैसे शनिवार, मंगलवार, राम नवमी एयर हनुमान जयंती के दिन भी इस मंत्र का जाप कर सकते है।

मंत्र का जाप करने का सही समय क्या है?

क्या इस मंत्र का जाप करते समय कोई विशेष नियम पालन करना चाहिए?

इस मंत्र का जाप कितनी बार करना चाहिए?

क्या इस मंत्र का जाप कोई भी कर सकता है?

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