Ruru Bhairava Gayatri Mantra | रूरु भैरव गायत्री मंत्र

रूरु भैरव गायत्री मंत्र एक अत्यंत शक्तिशाली और प्रभावशाली मंत्र है जो भगवान भैरव की उपासना से जुड़ा हुआ है। भैरव भगवान, शिव के उग्र रूप माने जाते हैं, जो काल और मृत्यु के नियंत्रक होते हैं। Ruru Bhairava Gayatri Mantra भक्तों को मानसिक शांति, भय से मुक्ति और आत्मिक शुद्धता प्रदान करता है।

यह भैरव गायत्री मंत्र का जाप व्यक्ति के भीतर स्थिरता और समृद्धि का संचार करता है। यह मंत्र नकारात्मक शक्तियों को नष्ट करता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, जिससे व्यक्ति मानसिक शांति और शुद्धता की ओर बढ़ता है। यह मंत्र कुछ इस प्रकार से है –

मंत्र

ॐ भं भं ह्रौं रूरु भैरवाये नम:॥

अर्थ- – यह ब्रह्मांड की मूल ध्वनि और दिव्यता का प्रतीक है।
भं भं – भैरव की शक्ति और उनके उग्र स्वरूप का बोध कराता है।
ह्रौं – यह बीज मंत्र है, जो सुरक्षा, शक्ति और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव प्रदान करता है।
रूरु – यह भैरव के आठ स्वरूपों में से एक हैं, जो अनुशासन, नीति और सुरक्षा के प्रतीक माने जाते हैं।
भैरवाय – भगवान भैरव को समर्पित, जो न्याय के देवता और दुष्टों का नाश करने वाले माने जाते हैं।
नमः – समर्पण और विनम्रता प्रकट करने के लिए प्रयोग किया जाता है।

यह मंत्र भगवान भैरव को नमन करते हुए उनकी शक्ति, सुरक्षा और न्यायप्रियता का आह्वान करता है। भैरव, जो कि शिवजी के रुद्र रूप माने जाते हैं इसलिए इसके साथ रूद्र गायत्री मंत्र और शिव गायत्री मंत्र का जाप आपके लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकता है।

Ruru Bhairava Gayatri Mantra की जाप विधि

इस मंत्र का जाप एक विशेष विधि से करना अत्यंत फलदायक होता है। यह मंत्र मानसिक शांति, सुरक्षा और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है, इसलिए इसे सही तरीके से और ध्यानपूर्वक जाप करना आवश्यक है।

  1. स्नान: जाप से पहले स्नान करके साफ वस्त्र पहन ले। ये आपके तन और मन दोनों की शुद्धता के लिए आवश्यक है।
  2. स्वछता: मंत्र का जाप करने से पहले आपको मानसिक और शारीरिक शुद्धता की आवश्यकता होती है। शुद्ध स्थान पर बैठकर, शांति से मन को एकाग्र करें। साधक को किसी भी प्रकार के विकर्षण से बचने का प्रयास करना चाहिए ताकि मंत्र का प्रभाव सशक्त रूप से प्रभावी हो सके।
  3. मंत्र का उच्चारण: रूरु भैरव गायत्री मंत्र का जाप शुद्ध और स्पष्ट स्वर में करना चाहिए। मंत्र के प्रत्येक शब्द पर ध्यान केंद्रित करें और उसका उच्चारण सही ढंग से करें। मंत्र का जाप मंत्र की ऊर्जा को सही रूप से ग्रहण करने के लिए आवश्यक होता है।
  4. ध्यान और समर्पण: मंत्र का जाप करते समय अपना ध्यान भगवान भैरव की ओर लगाना बहुत महत्वपूर्ण है। अपनी आँखें बंद करके उनके रूप का ध्यान करें और मन में उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने का भाव रखें। ध्यान की स्थिति में ही आप उनकी शक्ति और ऊर्जा को महसूस कर सकते हैं।
  5. नियमितता : मंत्र का जाप करने में नियमितता और श्रद्धा का होना अनिवार्य है। जब आप इस मंत्र का जाप नियमित रूप से करते हैं, तो इसके प्रभाव धीरे-धीरे आपके जीवन में दिखाई देने लगते हैं। यह भी ध्यान रखें कि मंत्र का जाप न केवल एक आध्यात्मिक अभ्यास है, बल्कि इसे पूरे विश्वास और समर्पण के साथ किया जाना चाहिए।
  6. समाप्ति: मंत्र का जाप समाप्त करने के बाद कुछ समय के लिए ध्यान की अवस्था में रहें। फिर भगवान भैरव का धन्यवाद करें और उनके आशीर्वाद की प्रार्थना करें।

इस प्रकार, यह भैरव गायत्री मंत्र की जाप विधि एक साधना है, जो शांति, शक्ति और समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करती है।

इस गायत्री मंत्र के जाप के महत्वपूर्ण लाभ

इसके जाप से व्यक्ति को कई महत्वपूर्ण लाभ मिलते हैं, जो उसकी मानसिक, शारीरिक और आत्मिक स्थिति को सुधारने में मदद करते हैं। इस मंत्र का जाप करने से मिलने वाले कुछ प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:

  • भय से मुक्ति: भगवान भैरव का उग्र रूप भय और नकारात्मकता को नष्ट करने वाला होता है। इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को भय से मुक्ति मिलती है और उसके जीवन में आने वाली कठिनाईयों का सामना करने की शक्ति बढ़ती है।
  • आध्यात्मिक विकास: इसका नियमित जाप व्यक्ति के आध्यात्मिक विकास में सहायक होता है। यह साधक को आत्मज्ञान की ओर अग्रसर करता है और उसकी आत्मा में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
  • मानसिक संतुलन: यह मंत्र व्यक्ति के मन को एकाग्र करने में मदद करता है और चिंता, तनाव तथा अनावश्यक विचारों से मुक्ति दिलाता है, जिससे मानसिक संतुलन कायम रहता है और व्यक्ति में आंतरिक शांति का अनुभव होता है।
  • ऊर्जा में वृद्धि: मंत्र के जाप से शारीरिक और मानसिक ऊर्जा में वृद्धि होती है। यह शरीर को ताजगी और शक्ति प्रदान करता है और मानसिक स्पष्टता भी बढ़ाता है।
  • रक्षा और सुरक्षा: मंत्र व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से सुरक्षा प्रदान करता है। यह नकारात्मक शक्तियों और बाधाओं से रक्षा करता है और जीवन को सकारात्मक दिशा में अग्रसर करता है।
  • सफलता: इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है। यह आर्थिक, पारिवारिक और व्यवसायिक क्षेत्र में भी सफलता दिलाने में सहायक होता है।

FAQ

क्या इस मंत्र का जाप करने के लिए किसी विशेष दीक्षा की आवश्यकता होती है?

नहीं, इस मंत्र के जाप के लिए किसी विशेष दीक्षा की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन यदि कोई गुरु से दीक्षा लेकर जपे, तो मंत्र अधिक प्रभावी हो सकता है।

भैरव की पूजा के लिए कौन-सा रंग या वस्त्र धारण करना चाहिए?

इस मंत्र को कितने दिन तक जाप करना चाहिए?

क्या यह मंत्र केवल विशेष लोगों के लिए है?

क्या इस मंत्र के जाप के साथ कोई अन्य उपाय भी करना चाहिए?

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