शक्ति गायत्री मंत्र एक शक्तिशाली और दिव्य मंत्र है जो विशेष रूप से देवी शक्ति की पूजा में उपयोग किया जाता है। यह मंत्र देवी दुर्गा, काली, सरस्वती और अन्य शक्तियों की उपासना के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है। Shakti Gayatri Mantra का उच्चारण करने से व्यक्ति की मानसिक स्थिति में शांति आती है, आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और आंतरिक शक्ति का विकास होता है।
इस गायत्री मंत्र का तात्पर्य है की हम उस परमात्मा की उपासना करते हैं, जो हमें शक्ति, साहस और विश्वास प्रदान करता है। यह मंत्र न केवल बाहरी बल, बल्कि आंतरिक बल को भी जागृत करता है, जिससे जीवन की कठिनाइयों का सामना करना सरल हो जाता है। हमने आपके लिए इस शक्तिशाली मंत्र को यहां नीचे उपलब्ध किया है –
मंत्र
ॐ सर्वसंमोहिन्यै विद्महे विश्वजनन्यै धीमहि। तन्नो शक्ति प्रचोदयात्॥
इस मंत्र के नियमित जाप से मनुष्य अपनी आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में कदम बढ़ाता है और जीवन में समृद्धि एवं सुख की प्राप्ति होती है। शक्ति देवियो का ही एक स्वरूप है इसलिए इस मंत्र के साथ दुर्गा गायत्री मंत्र, सरस्वती गायत्री मंत्र, माँ काली गायत्री मंत्र और लक्ष्मी गायत्री मंत्र का जाप आपके लिए अत्यंत शुभ होगा।
Shakti Gayatri Mantra की जाप विधि
इसका जाप करने से पहले, हमें अपने मन और शरीर को शांत करना बहुत आवश्यक है। ध्यान और शांति से मंत्र का जाप अधिक प्रभावी होता है। यह विधि न केवल मानसिक शांति के लिए है, बल्कि आत्मिक उन्नति के लिए भी महत्वपूर्ण है।
- स्थान: सबसे पहले, एक शांत और स्वच्छ स्थान का चयन करें। यह स्थान ध्यान और पूजा के लिए उपयुक्त होना चाहिए। आप किसी मंदिर में जा सकते हैं या अपने घर के किसी शांत कोने में बैठ सकते हैं।
- आसन: आसन पर बैठने के लिए एक साफ वस्त्र का उपयोग करें। आप सुखासन, पद्मासन या ध्यान की किसी भी मुद्रा में बैठ सकते हैं, जो आपके लिए आरामदायक हो।
- शुद्धि: अब, गहरी श्वास लें और श्वास को धीरे-धीरे बाहर छोड़ें। यह प्रक्रिया आपके मन और शरीर को शुद्ध करने में मदद करती है। मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए कुछ मिनटों तक गहरी श्वास लें और महसूस करें कि आप पूरी तरह से शांत हो रहे हैं।
- मंत्र उच्चारण: अब, शक्ति गायत्री मंत्र का जाप शुरू करें। मंत्र को हर बार स्पष्ट और संयमित तरीके से उच्चारण करें। एक ही मंत्र का पुनः उच्चारण करते हुए आप उसे 108 बार माला के साथ या बिना माला के भी जाप कर सकते हैं। जाप करते समय, अपने इरादों और भावनाओं को सकारात्मक और शक्तिशाली बनाएं।
- पूर्णता: जब आप अपना जाप पूरा कर लें, तो कुछ क्षणों के लिए अपनी आँखें बंद करें और महसूस करें कि आपकी आंतरिक शक्ति जागृत हो चुकी है। इसके बाद, आप अपने इष्ट देवता का आभार व्यक्त करें और उन पर अपनी श्रद्धा अर्पित करें।
- समर्पण: मंत्र का जाप यदि नियमित रूप से किया जाए, तो यह मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक शक्ति को न केवल बढ़ाता है, बल्कि जीवन में सकारात्मक परिवर्तन भी लाता है।
इस मंत्र का जाप केवल आध्यात्मिक शुद्धि के लिए नहीं, बल्कि जीवन की हर चुनौती का सामना करने के लिए एक सशक्त साधन है।
मंत्र जाप के लाभ
इस मंत्र का जाप कई तरह के मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक लाभ प्रदान करता है। नीचे इस मंत्र के कुछ प्रमुख लाभ दिए गए हैं:
- आंतरिक शक्ति: मंत्र का नियमित जाप करने से व्यक्ति की आंतरिक शक्ति जागृत होती है। यह आत्मविश्वास को बढ़ाता है और जीवन की कठिनाइयों से निपटने के लिए मानसिक मजबूती प्रदान करता है।
- शक्ति: जब आप इस मंत्र का उच्चारण करते हैं, तो आपके भीतर एक नयी ऊर्जा का संचार होता है, जिससे आप अपनी समस्याओं का समाधान और संघर्षों का सामना बेहतर तरीके से कर पाते हैं।
- मनोबल में वृद्धि: यह मंत्र मानसिक ताकत को बढ़ाता है, जिससे व्यक्ति किसी भी परिस्थिति में निराश या हताश नहीं होता। आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि होती है, जो जीवन को सकारात्मक दिशा में मार्गदर्शन करता है।
- मानसिक स्थिरता: इस मंत्र का जाप करने से मानसिक शांति मिलती है और व्यक्ति मानसिक विक्षोभ से बचता है। यह मंत्र मन को शांति की ओर प्रवृत्त करता है और मानसिक तनाव को दूर कर मानसिक विक्षोभ से बचता है। इससे ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है और जीवन के प्रत्येक पहलू में स्थिरता आती है।
- स्वास्थ्य: यह गायत्री मंत्र का जाप शरीर और मस्तिष्क दोनों को स्वस्थ रखता है। यह रक्त संचार को बेहतर बनाता है और शरीर के हर अंग को सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है। मानसिक स्वास्थ्य के लिहाज से भी यह मानसिक थकान और अवसाद को दूर करने में मदद करता है।
- ऐश्वर्य: यह मंत्र समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति में सहायक होता है। इसके जाप से व्यक्ति के जीवन में धन, सुख, समृद्धि और सफलता का वास होता है। साथ ही यह व्यक्ति को मानसिक स्पष्टता प्रदान करता है, जिससे जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय आसानी से लिए जा सकते हैं।
- आध्यात्मिक उन्नति: यह मंत्र व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में मार्गदर्शन करता है। इसके जाप से आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है और व्यक्ति अपनी आत्मा के साथ एक गहरे संबंध को महसूस करता है। इस प्रकार यह मंत्र न केवल बाहरी जीवन को प्रभावित करता है, बल्कि आत्मिक शांति और उन्नति के रास्ते भी खोलता है।
- दुखों से मुक्ति: इस गायत्री मंत्र का जाप व्यक्ति को सभी प्रकार के दुखों और कष्टों से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है। यह व्यक्ति की बाधाओं को दूर करता है और जीवन को खुशहाल बनाता है।
इन सभी लाभों के माध्यम से यह मंत्र न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारता है, बल्कि व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जा का प्रवाह भी लाता है।
FAQ
क्या इस मंत्र का जाप हर किसी को करना चाहिए?
हाँ, यह मंत्र सभी लोगों के लिए उपयुक्त है, खासकर उन लोगों के लिए जो जीवन में शक्ति, साहस और आत्मविश्वास की कमी महसूस करते हैं या जिनका मानसिक स्वास्थ्य असंतुलित है।
क्या इस गायत्री मंत्र का जाप किसी विशेष समय पर करना चाहिए?
ब्रह्म मुहूर्त (सुबह के समय) में मंत्र जाप करना सर्वोत्तम होता है, लेकिन किसी भी समय जाप किया जा सकता है।
क्या इस मंत्र का जाप शारीरिक रूप से कमजोर लोगों को भी करना चाहिए?
हाँ, इस गायत्री मंत्र शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्तियों को भी करना चाहिए। यह मंत्र शारीरिक और मानसिक ऊर्जा को बढ़ाता है, जिससे व्यक्ति की ताकत में वृद्धि होती है।
क्या इस मंत्र का जाप रात में करना ठीक है?
आमतौर पर मंत्र का जाप दिन के समय करना शुभ माना जाता है, लेकिन रात में भी इसका जाप किया जा सकता है, खासकर यदि व्यक्ति रात में ध्यान और शांति से मंत्र का उच्चारण करना चाहता है।

मैं मां दुर्गा की आराधना और पूजा-पाठ में गहरी रुचि रखती हूँ। गायत्री मंत्र का रोजाना जाप करती हूँ। मां दुर्गा से संबंधित मंत्र, आरती, चालीसा और अन्य धार्मिक सामग्री साझा करती हूँ। मेरा उद्देश्य भक्तों को सही पूजा विधि सिखाना और आध्यात्मिक मार्ग पर प्रेरित करना है।