गौरी गायत्री मंत्र एक अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली मंत्र है जो देवी गौरी की उपासना के लिए समर्पित है। देवी गौरी, जिन्हें पार्वती, महादेवी और शक्ति के रूप में पूजा जाता है, संसार में सृजन, पालन और संहार की शक्ति की प्रतीक मानी जाती हैं। Gauri Gayatri Mantra का जाप करने से न केवल व्यक्ति की मानसिक शांति बढ़ती है, बल्कि यह आत्मविश्वास, साहस और आंतरिक शक्ति को भी जाग्रत करता है।
इस मंत्र का विशेष महत्व है क्योंकि यह देवी गौरी की कृपा प्राप्त करने का मार्ग खोलता है। जब हम इस मंत्र का जाप पूरी श्रद्धा और ध्यान के साथ करते हैं, तो यह हमें जीवन की कठिनाइयों से उबारने और सकारात्मक ऊर्जा से भरने में मदद करता है। साथ ही, यह आध्यात्मिक उन्नति और आत्म-मूल्य की पहचान में भी सहायक होता है।
मंत्र
ॐ सुभागयैच विद्महे काममालिन्यैच धीमहि,
तन्नो गौरी प्रचोदयात्॥
अर्थ- ॐ – यह ब्रह्मांड की मूल ध्वनि है, जो हर शक्ति और ऊर्जा का स्रोत है।
सुभाग्यै च विद्महे – हम उस देवी को जानने और समझने का प्रयास करें, जो सौभाग्य और मंगल की अधिष्ठात्री हैं।
काममालिन्यै च धीमहि – जो प्रेम, आकर्षण और जीवन की मधुरता से परिपूर्ण हैं, हम उनका ध्यान करें और उनकी कृपा प्राप्त करें।
तन्नो गौरी प्रचोदयात् – वह मां गौरी हमें सद्बुद्धि दें, हमें सही मार्ग दिखाएं और हमारे जीवन को प्रेम, शांति और समृद्धि से भर दें।
अगर आप देवी गौरी के आशीर्वाद से अपने जीवन को अधिक संतुलित और समृद्ध बनाना चाहते हैं, तो इस मंत्र का जाप एक अत्यंत प्रभावशाली उपाय हो सकता है। इसके साथ ही दुर्गा गायत्री मंत्र, सरस्वती गायत्री मंत्र, लक्ष्मी गायत्री मंत्र और माँ काली गायत्री मंत्र का जाप करके इन देवियों के आशीर्वाद के द्वारा भी अपने जीवन को संतुलित और समृद्ध बना सकते है।
Gauri Gayatri Mantra की जाप विधि
मंत्र का जाप एक अत्यंत पवित्र और आध्यात्मिक क्रिया है, जिसे ध्यान और श्रद्धा के साथ करना चाहिए। इस मंत्र का सही जाप आपके जीवन में सकारात्मकता और शक्ति का संचार करता है। यहां इस मंत्र के जाप की विधि को सहज और सरल तरीके से समझाया गया है।
- स्थान का चयन: मंत्र का जाप करने से पहले, एक शांत और स्वच्छ स्थान का चयन करें। यह सुनिश्चित करें कि आप उस स्थान पर बिना किसी बाधा के ध्यान केंद्रित कर सकें। एक शांत और पवित्र वातावरण में मंत्र का जाप अधिक प्रभावी होता है।
- स्मरण: जाप शुरू करने से पहले, देवी गौरी का स्मरण करें और मानसिक रूप से यह संकल्प लें कि आप पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ मंत्र का उच्चारण करेंगे।
- मंत्र उच्चारण: गौरी गायत्री मंत्र को सही तरीके से उच्चारण करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। मंत्र का जाप करते समय इसका उच्चारण स्पष्ट और शांतिपूर्ण होना चाहिए। हर शब्द को ध्यानपूर्वक और श्रद्धा के साथ उच्चारित करें।
- जाप संख्या: जाप 108 बार या उससे अधिक बार किया जा सकता है। यदि आप माला का उपयोग करते हैं, तो एक माला में 108 मनकों का जाप करें। यदि माला नहीं है, तो आप मानसिक रूप से भी 108 बार मंत्र का उच्चारण कर सकते हैं।
- ध्यान और एकाग्रता: मंत्र का जाप करते समय, अपने मन को पूरी तरह से एकाग्रित रखें। देवी गौरी की छवि या प्रतीक का ध्यान करें और हर उच्चारण के साथ उनका आशीर्वाद महसूस करें। मंत्र का जाप करते वक्त किसी प्रकार का मानसिक विक्षेप नहीं होना चाहिए।
- समाप्ति: जाप समाप्त करने के बाद, देवी गौरी का धन्यवाद करें और उन्हें आभार व्यक्त करें। इस समय, अपने मन को शांति और संतुलन से भरपूर महसूस करें। मंत्र जाप की समाप्ति के बाद थोड़ी देर के लिए ध्यान में बैठें, ताकि आप सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव कर सकें।
इस गायत्रि मंत्र का जाप नियमित रूप से करने से आपकी आत्मशक्ति और मानसिक शांति में वृद्धि होती है। यह मंत्र आपको जीवन के हर क्षेत्र में देवी गौरी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करेगा।
मंत्र का जाप करने से होने वाले लाभ
मंत्र का जाप करने से कई मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक लाभ होते हैं। यह मंत्र व्यक्ति को देवी गौरी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का एक प्रभावी साधन है। नीचे कुछ मुख्य लाभ दिए गए हैं:
- सकारात्मक ऊर्जा: इस मंत्र का जाप करने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
- कृपा दृष्टि: इस मंत्र का जाप करने से देवी गौरी की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जो व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता लेकर आता है।
- शांति और संतुलन: मंत्र का नियमित जाप मानसिक तनाव को दूर करता है और शांति का अहसास कराता है, जो व्यक्ति को मानसिक रूप से संतुलित और शांत बनाता है, जिससे जीवन में स्थिरता आती है।
- साहस में वृद्धि: यह मंत्र आत्मविश्वास और साहस को बढ़ाता है। यह व्यक्ति को अपनी क्षमताओं और संकल्प पर विश्वास करने की शक्ति देता है, जिससे वह जीवन की कठिनाइयों का सामना अधिक मजबूती से कर सकता है।
- स्वास्थ्य में सुधार: इसका जाप शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है और मानसिक स्थिति को स्थिर करता है। यह तनाव और चिंता को कम करता है, जिससे व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहता है।
- जीवन में धन: इस गायत्री मंत्र का जाप आर्थिक समृद्धि और धन में वृद्धि का कारण बनता है। देवी गौरी की कृपा से धन के मार्ग में कोई अड़चन नहीं आती और व्यक्ति का जीवन खुशहाल होता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: गौरी माँ के मंत्र का जाप आत्मिक उन्नति में मदद करता है। यह व्यक्ति को अपने आत्मसाक्षात्कार और आध्यात्मिक जागृति की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करता है।
- रिश्तों में सुधार: इस मंत्र का जाप पारिवारिक और व्यक्तिगत रिश्तों को मजबूत बनाता है। यह संबंधों में सामंजस्य और समझ को बढ़ाता है, जिससे जीवन में शांति और सौहार्द बना रहता है।
इसके जाप से ये सभी लाभ प्राप्त होते हैं, जो न केवल व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाते हैं, बल्कि उसे आध्यात्मिक रूप से भी उन्नति की ओर अग्रसर करते हैं।
FAQ
मंत्र का जाप कब तक करना चाहिए?
आप इसे 21 दिन, 40 दिन या एक माह तक जाप कर सकते हैं, या इसे जीवन भर जाप सकते हैं।
क्या कोई विशेष स्थान होना चाहिए मंत्र जाप के लिए?
हाँ, मंत्र जाप के लिए एक शांत और स्वच्छ स्थान का चुनाव करना चाहिए जहाँ कोई विघ्न न हो। यह वातावरण शांत और पवित्र होना चाहिए, ताकि ध्यान में एकाग्रता बनी रहे।
क्या मंत्र जाप करने के लिए विशेष पूजा विधि की आवश्यकता होती है?
मंत्र का जाप पूजा विधि के अनुसार नहीं किया जाता, परंतु इसे पूरी श्रद्धा और ध्यान के साथ किया जाना चाहिए।

मैं मां दुर्गा की आराधना और पूजा-पाठ में गहरी रुचि रखती हूँ। गायत्री मंत्र का रोजाना जाप करती हूँ। मां दुर्गा से संबंधित मंत्र, आरती, चालीसा और अन्य धार्मिक सामग्री साझा करती हूँ। मेरा उद्देश्य भक्तों को सही पूजा विधि सिखाना और आध्यात्मिक मार्ग पर प्रेरित करना है।