तारा गायत्री मंत्र एक शक्तिशाली और दिव्य मंत्र है, जो तारा देवी की आराधना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। तारा देवी को शक्ति, संरक्षण और संकटों से मुक्ति देने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। Tara Gayatri Mantra न केवल मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करने में मदद करता है, बल्कि यह जीवन में आने वाली परेशानियों से उबरने का मार्ग भी दिखाता है।
यह मंत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो मानसिक तनाव, डर, और बुरी शक्तियों से परेशान हैं। इसकी विशेषता यह है कि यह व्यक्ति को आंतरिक शक्ति और सच्चे ज्ञान की प्राप्ति की ओर मार्गदर्शन करता है। तारा देवी की कृपा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। हमने आपकी सुविधा के लिए इस मंत्र को यहां नीचे उपलब्ध कराया है –
Tara Gayatri Mantra
ॐ तारायै विद्महे महोग्रायै धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात्।
अर्थ- हम भगवती तारा को जानते हैं और उनके महान् उग्र स्वरूप का ध्यान करते हैं। वे देवी हमारी सोच और ध्यान को अपनी दिव्य लीला में, अपने स्वरूप में ही आकर्षित करें। माँ तारा के साधारण उपासकों को इस भाव के साथ तारा गायत्री मंत्र का मानसिक जाप करना चाहिए।
इस मंत्र का जप करने से हमारी मनोवृत्तियाँ शुद्ध होती हैं और हमारी आंतरिक शक्ति में वृद्धि होती है। इसके साथ आप वाराही गायत्री मंत्र, बगलामुखी गायत्री मंत्र, धूमवती गायत्री मंत्र और सावित्री गायत्री मंत्र का जाप भी आपके आत्मा की शुद्धि के लिए एक अद्भुत साधना मानी जाती है।
मंत्र जाप करने की विधि
मंत्र की जाप विधि को सही तरीके से करना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह मंत्र मानसिक और आत्मिक शांति प्रदान करता है।
- स्थान: इस मंत्र का जाप शांत और पवित्र स्थान पर करना चाहिए, जहां कोई व्यवधान न हो। सबसे अच्छा समय प्रातः या संध्याकाल का होता है, क्योंकि इन समयों में वातावरण शुद्ध और शांत होता है।
- सच्ची श्रद्धा: मन में पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ इस मंत्र का जाप करें। जब भी आप मंत्र का जाप करें, तो तारा देवी के प्रति अपनी श्रद्धा और प्रेम को महसूस करें।
- स्वच्छता: जब भी गायत्री मंत्र का जाप करें, तो शारीरिक और मानसिक स्वच्छता का ध्यान रखें। यह मंत्र शरीर और मन की शुद्धि के लिए है, इसलिए सफाई और संतुलित स्थिति में रहकर ही इसका प्रभाव अधिक होता है।
- जप की संख्या: तारा गायत्री मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए। आप इसे अपनी सुविधा के अनुसार 108 मणिकाओं की माला से कर सकते हैं। माला का प्रयोग करने से मंत्र का जाप नियमित और सही रूप से होता है।
- एकाग्रता: मंत्र का जाप करते समय अपनी एकाग्रता को पूरी तरह से तारा देवी के दिव्य रूप पर केंद्रित करें। ध्यान रखें कि कोई बाहरी विचार मन में न आए। यही कारण है कि तारा गायत्री मंत्र का मानसिक जाप करना भी बहुत प्रभावशाली होता है।
- सकारात्मक भावनाएँ: तारा देवी के प्रति निःस्वार्थ श्रद्धा और आस्था के साथ इस मंत्र का जाप करें। मंत्र का जाप करते समय अपनी नकारात्मक भावनाओं को दूर करें और सकारात्मक ऊर्जा को अपने भीतर महसूस करें।
- समाप्ति: तारा गायत्री मंत्र का जाप नियमित रूप से करने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं और आत्मिक उन्नति होती है। इसके जाप से शांति, सुरक्षा और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
तारा गायत्री मंत्र जाप करने के लाभ
इसका जाप करने से अनेक मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक लाभ होते हैं। इस मंत्र के प्रभाव से व्यक्ति को जीवन में शांति, समृद्धि और सुरक्षा प्राप्त होती है। यहां कुछ प्रमुख लाभ दिए गए हैं-
- शांति और संतुलन: इस मंत्र का जाप मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करता है। यह तनाव, चिंता और मानसिक उथल-पुथल को शांत करता है, जिससे मन में स्थिरता आती है और व्यक्ति अपने कार्यों में ध्यान केंद्रित कर पाता है।
- दुरात्मा से रक्षा: इस मंत्र का जाप करने से नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों से रक्षा होती है। तारा देवी की कृपा से व्यक्ति को बुरी नजर, भूत-प्रेत और अन्य नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षा मिलती है।
- आध्यात्मिक उन्नति: इस गायत्री मंत्र का नियमित जाप करने से आत्मिक उन्नति होती है। यह व्यक्ति के आत्मज्ञान को जागृत करता है और उसके जीवन में आध्यात्मिक प्रगति होती है।
- सुख और समृद्धि: इस मंत्र का जाप व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लेकर आता है। यह आर्थिक स्थिति को भी बेहतर बनाता है और जीवन में खुशहाली लाता है।
- आध्यात्मिक शक्ति: मंत्र मानसिक और शारीरिक शक्ति में वृद्धि करता है और व्यक्ति को हर परिस्थिति का सामना करने के लिए साहस और आंतरिक ताकत प्रदान करता है।
- स्वास्थ्य लाभ: इस मंत्र का जाप शारीरिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है। यह शरीर को ताजगी और ऊर्जा प्रदान करता है, जिससे व्यक्ति बेहतर तरीके से अपने कार्यों को कर सकता है।
- मनोरथों की पूर्ति: इसके जाप से व्यक्ति के मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। यह उसकी इच्छाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने में सहायक होता है।
इस प्रकार, इस गायत्री मंत्र का जाप न केवल शारीरिक और मानसिक शांति लाता है, बल्कि यह जीवन को एक नया दिशा और उद्देश्य प्रदान करता है।
FAQ
क्या इस मंत्र का मानसिक जप किया जा सकता है?
हां, मंत्र का मानसिक जप भी किया जा सकता है, और यह उतना ही प्रभावशाली होता है जितना कि उसका उच्चारण करना।
इस मंत्र का जप कितनी बार करना चाहिए?
मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए। इसके लिए माला का उपयोग करना सही रहता है।
क्या मंत्र का जाप किसी खास स्थान पर करना चाहिए?
इस मंत्र का जाप शुद्ध और शांत स्थान पर करना चाहिए, जहां बाहरी व्यवधान न हो और वातावरण पवित्र हो।
क्या इस मंत्र का जाप महिलाओं के लिए भी लाभकारी है?
हां, मंत्र का जाप सभी के लिए लाभकारी है, चाहे वे पुरुष हों या महिलाएं।

मैं मां दुर्गा की आराधना और पूजा-पाठ में गहरी रुचि रखती हूँ। गायत्री मंत्र का रोजाना जाप करती हूँ। मां दुर्गा से संबंधित मंत्र, आरती, चालीसा और अन्य धार्मिक सामग्री साझा करती हूँ। मेरा उद्देश्य भक्तों को सही पूजा विधि सिखाना और आध्यात्मिक मार्ग पर प्रेरित करना है।