वास्तु शास्त्र के अनुसार, हर स्थान का विशेष प्रभाव व्यक्ति की मानसिक स्थिति, शारीरिक स्वास्थ्य और समृद्धि पर पड़ता है। ऐसे में वास्तु गायत्री मंत्र का जाप इनके बुरे प्रभावों की दूर करने का सबसे आसान और शक्तिशाली उपाय है। Vastu Gayatri Mantra विशेष रूप से घर की सुख-शांति और सकारात्मकता को बनाए रखने में सहायक है, जिससे घर में निवास करने वाले सभी लोग मानसिक शांति और संतुष्टि का अनुभव करते हैं।
इसका जाप करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। यह मंत्र न केवल घर की वास्तु दोषों को दूर करने के लिए उपयोगी है, बल्कि व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और समृद्धि का वर्धन करने में भी मदद करता है। इस मंत्र को हमने आपके लिए यह नीचे दिया है जो इस प्रकार है –
वास्तु गायत्री मंत्र
ॐ वास्तु नाधाय विद्महे, सदुरु भुजय धीमहि,
तन्नो वास्तु देवा : प्रचोदयात् ॥
गायत्री मंत्र का अर्थ- हम उस वास्तु देवता को जानते हैं, जो इस सम्पूर्ण सृष्टि के आधार हैं। हम उन दिव्य शक्तियों का ध्यान करते हैं, जिनके चारों दिशाओं में शुभ आशीर्वाद हैं। वे वास्तु देव हमें सही दिशा में मार्गदर्शन दें और सकारात्मक ऊर्जा से हमारा जीवन भर दें।
इस मंत्र का नियमित जाप करने से न केवल घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, बल्कि जीवन में कई आध्यात्मिक, मानसिक और भौतिक लाभ भी प्राप्त होते हैं। इसके साथ कुछ अन्य मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है, जिससे वास्तु दोष निवारण और सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है। जैसे ganpati gayatri mantra, rahu gayatri mantra और kethu gayatri mantra से बाधा और ग्रह दोष दूर होते है।
मंत्र जाप करने की विधि निम्नलिखित है –
इस मंत्र का जाप एक अत्यंत प्रभावशाली और पवित्र प्रक्रिया है, जिसे श्रद्धा और भक्ति के साथ करना चाहिए। यह मंत्र न केवल घर की ऊर्जा को शुद्ध करता है, बल्कि मानसिक शांति और संतुलन भी प्रदान करता है। इसके जाप की विधि कुछ इस प्रकार है:
- स्थान का चयन: सबसे पहले, एक शांत और साफ-सुथरी जगह का चयन करें, जहाँ कोई विघ्न न हो। यदि संभव हो तो पूजा स्थल या घर के किसी पवित्र स्थान पर इसे करें।
- साफ-सफाई: अपने आस-पास की जगह को स्वच्छ करें, ताकि नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव न पड़े। यह मानसिक शांति के लिए भी आवश्यक है।
- अगरबत्ती: एक दीपक और अगरबत्ती जलाकर वातावरण को शुद्ध करें। इससे वातावरण में सकारात्मकता का संचार होता है।
- मनन: शांति से बैठकर, कुछ क्षण के लिए अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें। अपने मन को शांत करें और अपने इष्ट देवता का ध्यान करें।
- मंत्र का जाप: अब ऊपर दिए गए मंत्र का जाप करें। मंत्र का उच्चारण कम से कम 11, 21 या 108 बार करें। मंत्र को पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ उच्चारण करना आवश्यक है।
- जप के समय: मंत्र का जाप करते हुए, इसे अपने हृदय से महसूस करें और परमात्मा से शांति और समृद्धि की प्रार्थना करें। हर शब्द को ध्यानपूर्वक और पूरी श्रद्धा के साथ उच्चारित करें।
- आशीर्वाद: मंत्र का जाप समाप्त होने के बाद, भगवान से आशीर्वाद प्राप्त करें और अपने घर की सुख-शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना करें।
- प्रसाद वितरण: अंत में, घर के सभी सदस्यों को प्रसाद वितरित करें और उनके लिए मंगलकामनाएँ करें।
यह प्रक्रिया न केवल घर के वास्तु दोषों को दूर करने में सहायक होती है, बल्कि मानसिक शांति और जीवन में सकारात्मकता का प्रवाह भी बढ़ाती है।
Vastu Gayatri Mantra के लाभ
यह मंत्र एक दिव्य स्रोत की तरह कार्य करता है, जो जीवन के हर क्षेत्र में शुभता और समृद्धि लाता है। आइए जानते हैं इसके प्रमुख लाभ:
- सकारात्मक ऊर्जा: वास्तु पुरुष गायत्री मंत्र के उच्चारण से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है, जिससे नकारात्मक शक्तियाँ नष्ट होती हैं और सुख-शांति बनी रहती है और घर भी एक सकारात्मक स्थान का अनुभव करता है।
- दोष निवारण: यदि घर या कार्यस्थल में कोई वास्तु दोष हो, तो इस मंत्र का जाप करने से उसके दुष्प्रभाव कम हो जाते हैं और स्थान में सौहार्दपूर्ण वातावरण बनता है।
- मानसिक स्थिरता: यह मंत्र मन को शांत करता है, तनाव को दूर करता है और मानसिक स्थिरता प्रदान करता है। नियमित जाप करने से मन एकाग्र होता है और नकारात्मक विचार समाप्त होते हैं।
- आर्थिक समृद्धि: यह मंत्र घर में समृद्धि का द्वार खोलता है। धन से संबंधित रुकावटें धीरे-धीरे समाप्त होने लगती हैं और व्यापार या नौकरी में उन्नति के मार्ग खुलते हैं।
- संबंधों में सुधार: घर के सदस्यों के बीच यदि मतभेद या तनाव रहता है, तो इस मंत्र के प्रभाव से आपसी प्रेम और सौहार्द बढ़ता है। पारिवारिक जीवन अधिक सुखद बनता है।
- बाधाओं से सुरक्षा: यह मंत्र एक सुरक्षा कवच की तरह कार्य करता है, जो बुरी नज़र, नकारात्मक ऊर्जा, टोना-टोटका और दुष्प्रभावों से रक्षा करता है।
- सफलता: जो विद्यार्थी और पेशेवर लोग इस मंत्र का जाप करते हैं, उनकी एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ती है। यह मंत्र करियर में उन्नति और पढ़ाई में सफलता दिलाने में सहायक होता है।
- शांति और आनंद: इस मंत्र के प्रभाव से घर का वातावरण शांत, सकारात्मक और आनंदमय रहता है, जिससे वहाँ रहने वाले सभी लोगों को आध्यात्मिक और मानसिक संतोष की अनुभूति होती है।
यह वास्तु पुरुष गायत्री मंत्र केवल एक साधारण मंत्र नहीं है, बल्कि यह एक शक्तिशाली साधन है, जो घर, मन और जीवन को पवित्र और संतुलित बनाता है। यदि इसे विधिपूर्वक और श्रद्धा से किया जाए, तो यह समृद्धि, शांति और सकारात्मकता का अद्भुत स्रोत बन सकता है।
FAQ
क्या वास्तु दोष को दूर करने के लिए इस मंत्र का जाप अकेले पर्याप्त है?
यह मंत्र बहुत प्रभावशाली है, लेकिन यदि कोई गंभीर वास्तु दोष है, तो वास्तु विशेषज्ञ की सलाह के साथ इस मंत्र का जाप करें और आवश्यक सुधार भी करें।
क्या इसे किसी विशेष संख्या में जपना चाहिए?
आदर्श रूप से 108 बार जप करना शुभ माना जाता है, लेकिन अपनी सुविधा के अनुसार भी इसका जाप किया जा सकता है।
गृह प्रवेश या नए मकान में जाने से पहले इस मंत्र का जाप क्यों किया जाता है?
यह नया घर खरीदने या उसमें प्रवेश करने से पहले शुभता और शुद्धता लाने के लिए किया जाता है।
क्या इस मंत्र को कोई भी जप सकता है?
हां, इसे कोई भी व्यक्ति, चाहे वह गृहस्वामी हो या कोई अन्य, श्रद्धा से जप सकता है।

मैं मां दुर्गा की आराधना और पूजा-पाठ में गहरी रुचि रखती हूँ। गायत्री मंत्र का रोजाना जाप करती हूँ। मां दुर्गा से संबंधित मंत्र, आरती, चालीसा और अन्य धार्मिक सामग्री साझा करती हूँ। मेरा उद्देश्य भक्तों को सही पूजा विधि सिखाना और आध्यात्मिक मार्ग पर प्रेरित करना है।