Manas Gayatri Mantra | मानस गायत्री मंत्र

मानस गायत्री मंत्र एक अत्यधिक पवित्र और शक्तिशाली मंत्र है, जिसे विशेष रूप से मानसिक शांति, शुद्धता और जागरूकता के लिए उच्चारित किया जाता है। Manas Gayatri Mantra श्रीराम के भक्तों द्वारा श्रद्धा और भक्ति के साथ उच्चारित किया जाता है और मान्यता है कि इसके जाप से न केवल मानसिक उलझनें दूर होती हैं, बल्कि व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह भी होता है।

यह गायत्री मंत्र साधक को आंतरिक शांति, संतुलन और आत्मविश्वास की ओर मार्गदर्शन करता है। जब हम इस मंत्र का जाप करते हैं, तो यह हमारे मन को शुद्ध करता है और हमें अपने आंतरिक स्वरूप से जोड़ता है। इस चमत्कारी मंत्र को यहां हमने आपके लिए उपलब्ध कराया है जो इस प्रकार से है –

मानस गायत्री मंत्र

जनकसुता जग जननि जानकी, अतिसय प्रिय करुना निधान की
ताके जुग पद कमल मनावउँ, जासु कृपाँ निरमल मति पावउँ।

इस मंत्र के उच्चारण से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि जीवन की कठिनाइयों को दूर करने में भी मदद मिलती है। अगर आप अपने जीवन में सकरात्मकता और संतुलन बनाये रखना चाहते है तो इसके साथ राम गायत्री मंत्र और गंगा गायत्री मंत्र का जाप भी कर सकते है।

Manas Gayatri Mantra जाप विधि

  1. शुद्धता: जाप शुरू करने से पहले, सबसे पहले अपने शरीर और मन को शुद्ध करें। शुद्ध मन और शुद्ध स्थान पर बैठने से मंत्र का प्रभाव अधिक तीव्र होता है। स्नान करने के बाद, एक शांत और पवित्र स्थान पर अपने मन को स्थिर करें।
  2. संकल्प: मंत्र का जाप करते समय एक दृढ़ संकल्प लें कि आप इसे अपने मानसिक शांति, आत्मसाक्षात्कार और जीवन में शुद्धता की प्राप्ति के लिए कर रहे हैं।
  3. मंत्र: यदि संभव हो तो मंत्र का जाप करने से पहले ॐ श्रीरामाय नमः इस मंत्र का जाप जरूर करें।
  4. मंत्र का उच्चारण: अब ऊपर दिए गए गायत्री मंत्र का जाप करें। इसे ध्यान और श्रद्धा के साथ हर शब्द को गहरे भाव के साथ उच्चारित करें। यदि आप जाप माला का उपयोग कर रहे हैं, तो 108 बार मंत्र का जाप करें। मंत्र को बिना किसी जल्दी के, पूरी एकाग्रता और धैर्य के साथ उच्चारित करें।
  5. ध्यान: मंत्र का उच्चारण करते समय, अपने मन को राम के चरणों में समर्पित करें और उनका ध्यान करते हुए एकाग्रता को बढ़ाएं। मानसिक शांति और आत्मिक शुद्धता के लिए राम के दिव्य रूप को अपनी आँखों के सामने कल्पना करें। उनका
  6. संतुलन: जाप के दौरान अपने श्वास को गहरी और सहजता से लें, जिससे आपका मानसिक संतुलन बना रहे। मानसिक ध्यान को एक बिंदु पर केंद्रित रखें और एकाग्रता को बनाए रखें।
  7. समाप्ति: जब आप जाप समाप्त हो जाएँ, तो दोनों हाथ जोड़कर भगवान राम का धन्यवाद करें और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए आभार व्यक्त करें और आप अपनी इच्छाओं, समस्याओं या जीवन के उद्देश्य के लिए प्रार्थना कर सकते हैं।
  8. समाप्ति में: इसका नियमित जाप करते है क्योकि नियमित जाप आपके जीवन में राम के दिव्य आशीर्वाद से समृद्धि, सुख, और समर्पण लाता है।

मंत्र जाप के लाभ

इसका जाप करने से अनेक आध्यात्मिक और मानसिक लाभ होते हैं। यह मंत्र न केवल हमारे मन को शुद्ध करता है, बल्कि हमारे जीवन में दिव्य शांति, संतुलन और सकारात्मकता का संचार भी करता है। इस मंत्र के जाप से प्राप्त होने वाले कुछ प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:

  • संतुलन: इस गायत्री मंत्र का नियमित जाप व्यक्ति को मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करता है। यह मंत्र विचारों को एकाग्र करता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और नकारात्मक भावनाओं से मुक्ति मिलती है।
  • आध्यात्मिक उन्नति: इस मंत्र का जाप करने से आत्मिक उन्नति होती है। यह साधक को भगवान के करीब लाता है और उसे आत्मज्ञान की ओर मार्गदर्शन करता है।
  • आत्मविश्वास में वृद्धि: यह मंत्र व्यक्ति को अपनी क्षमताओं पर विश्वास करने और जीवन के हर पहलू में साहस और धैर्य के साथ कदम रखने के लिए प्रेरित करता है।
  • दिमागी स्पष्टता: मंत्र का जाप मस्तिष्क को शुद्ध करता है और मानसिक स्पष्टता प्रदान करता है। यह अवरुद्ध विचारों और भ्रम को दूर करता है, जिससे जीवन में सही निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होती है।
  • सकारात्मक ऊर्जा: यह नकारात्मकता को दूर करके सकारात्मकता को आकर्षित करता है, जिससे व्यक्ति और उसके परिवार का जीवन खुशहाल और समृद्ध होता है।
  • समाधान: सच्चे मन से मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को आंतरिक शांति मिलती है और उसे कठिन परिस्थितियों का सामना करने की शक्ति मिलती है।
  • प्रेम और भक्ति: इस मंत्र का जाप व्यक्ति में भक्ति और प्रेम की भावना को जागृत करता है। यह व्यक्ति को भगवान के प्रति अधिक सच्ची श्रद्धा और प्रेम की अनुभूति कराता है, जिससे जीवन में संतुष्टि और शांति की अनुभूति होती है।
  • मार्गदर्शन: इस मंत्र के जाप से व्यक्ति को आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्राप्त होता है। वह अपने जीवन में सही दिशा में आगे बढ़ता है और अपनी आत्मिक यात्रा को सशक्त रूप से तय करता है।
  • रोग मुक्ति: मानस माँ का मंत्र मानसिक दबाव, तनाव और चिंता से राहत प्रदान करता है। इसके अलावा, यह शारीरिक और मानसिक रोगों को दूर करने में भी सहायक है। यह शरीर और मन को ताजगी और ऊर्जा से भर देता है।
  • सुख की प्राप्ति: यह मंत्र व्यक्ति को आंतरिक और बाहरी समृद्धि की ओर अग्रसर करता है। सच्चे मन से इसका जाप करने से जीवन में सुख, समृद्धि, और सकारात्मकता का वास होता है।

यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को सशक्त करता है, साथ ही जीवन की हर चुनौती का सामना करने की क्षमता प्रदान करता है।

FAQ

क्या मंत्र का जाप किसी विशेष समय पर करना आवश्यक है?

हां, इस मंत्र का जाप प्रातः समय या संध्याकाल में किया जाना सर्वोत्तम होता है। ये समय शांति और सकारात्मक ऊर्जा से भरे होते हैं, जिससे मंत्र का प्रभाव अधिक शक्तिशाली होता है।

क्या इस मंत्र का जाप करना कठिन है?

क्या मंत्र का जाप किसी विशेष स्थान पर किया जाना चाहिए?

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