गायत्री मंत्र को हिंदू धर्म में सबसे पवित्र और शक्तिशाली मंत्रों में से एक माना जाता है, जिनमें से एक है सर्व गायत्री मंत्र। Sarva Gayatri Mantra का तात्पर्य ऐसे मंत्रों से है, जो विभिन्न देवी-देवताओं की उपासना के लिए उपयोग किए जाते हैं। इसका जाप आध्यात्मिक और मानसिक उन्नति के लिए अत्यंत लाभकारी होता है।
इन प्रत्येक मंत्र की संरचना मूल गायत्री छंद में होती है। गायत्री मंत्र 24 अक्षरों से युक्त होता है और यह एक विशेष लय में जपा जाता है, जिससे इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। यह मंत्र विभिन्न देवताओं की कृपा प्राप्त करने, आत्मिक शुद्धि और आध्यात्मिक उत्थान के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। ये निम्नलिखित प्रकर से है –
मंत्र
गायत्री देवी गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं। भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्
शिव गायत्री मंत्र
ॐ महादेवाय विद्महे रुद्र मूर्तये धीमहि तन्नो शिवः प्रचोदयात्।
रुद्र गायत्री मन्त्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात् ।
विष्णु गायत्री मंत्र
ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।
सरस्वती गायत्री मंत्र
ॐ वाग्देव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात्।
दुर्गा गायत्री मंत्र
ॐ कात्यायन्यै विद्महे कन्याकुमार्ये च धीमहि तन्नो दुर्गा प्रचोदयात्।
शक्ति गायत्री मंत्र
ॐ सर्वसंमोहिन्यै विद्महे विश्वजनन्यै धीमहि तन्नो शक्ति प्रचोदयात्।
गणेश गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्ती प्रचोदयात।
ब्रह्मा गायत्री मन्त्र
ॐ वेदात्मने विद्महे हिरण्यगर्भाय धीमहि तन्नो ब्रह्म प्रचोदयात्।
हनुमान गायत्री मंत्र
ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि तन्नो हनुमान् प्रचोदयात्।
काली गायत्री मंत्र
ॐ कालिकायै च विद्महे स्मशानवासिन्यै धीमहि तन्नो घोरा प्रचोदयात्।
लक्ष्मी गायत्री मंत्र
ॐ महादेव्यै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्।
सूर्य गायत्री मंत्र
ॐ आदित्याय विद्महे, मार्तण्डाय धीमहि तन्नः, सूर्यः प्रचोदयात्।
कृष्ण गायत्री मंत्र
ॐ देवकीनन्दनाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण प्रचोदयात्।
राधा गायत्री मंत्र
ॐ वृषभानुजाय विद्महे कृष्णप्रियाय धीमहि तन्नो राधा प्रचोदयात्।
हयग्रीव गायत्री मंत्र
ॐ वागीश्वराय विद्महे हयग्रीवाय धीमहि तन्नो हंस: प्रचोदयात् ।
ऐयप्पन गायत्री मंत्र
ॐ भूतादिपाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो शास्ता प्रचोदयात्।
धनवन्त्री गायत्री मंत्र
ॐ अमुद हस्ताय विद्महे आरोग्य अनुग्रहाय धीमहि तन्नो धनवन्त्री प्रचोदयात्।
इन सभी मंत्रों का नियमित जाप करने से साधक को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है। ऐसे ही अन्य देवी और देवताओं के भी गायत्री मंत्र है जैसे –varahi gayatri mantra, murugan gayatri mantra, rama gayatri mantra और tulsi gayatri mantra जिनका जाप आप कर सकते है।
सर्व गायत्री मंत्र जप विधि
सर्व गायत्री मंत्र का जाप करने के लिए निम्नलिखित विधि अपनाई जाती है:
- सही स्थान: मंत्र जाप के लिए एकांत स्थान चुनें और पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
- शुद्धता: स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थान पर दीपक जलाएं और आसन पर बैठकर ध्यान लगाएं।
- मंत्र जाप: अब पूरी श्रद्धा के साथ सर्व देवता गायत्री मंत्र लिरिक्स का जाप करे। जाप के समय अपने मने किसी प्रकार की बुरी भावना न आने दे।
- विशेष पूजन: यदि विशेष लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, तो संबंधित देवी-देवता की मूर्ति या चित्र के सामने दीप जलाकर मंत्र का जाप करें। पीले वस्त्र धारण करना और गाय के घी का दीपक जलाना शुभ माना जाता है।
- संयम: मंत्र जाप करते समय मन को केंद्रित रखें और पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ मंत्रों का उच्चारण करें।
यदि आप अपने जीवन में सकारात्मकता लाना चाहते हैं, तो नियमित रूप से मंत्र का जाप करें और देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त करें।
Sarva Gayatri Mantra जपने के लाभ
- आध्यात्मिक उन्नति: सर्व देवता गायत्री मंत्र लिरिक्स का नियमित जाप व्यक्ति के आध्यात्मिक स्तर को बढ़ाता है और उसे ध्यान, योग तथा आत्मिक उन्नति में सहायता करता है।
- नकारात्मक ऊर्जा: इन मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति के चारों ओर एक सकारात्मक ऊर्जा का घेरा बनता है, जो बुरी शक्तियों और नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर रखता है।
- तनाव से मुक्ति: सर्व देवा गायत्री मंत्र का जाप करने से मानसिक शांति मिलती है, चिंता और तनाव कम होता है तथा शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- शत्रुओं पर विजय: शत्रु बाधा, बुरी नजर और किसी भी प्रकार की नकारात्मक शक्ति को नष्ट करने में ये मंत्र अत्यंत प्रभावशाली माने जाते हैं।
- ग्रह दोष: जिन लोगों की कुंडली में ग्रह दोष होते हैं, वे नियमित रूप से सर्व गायत्री मंत्र का जाप करें तो उनके दोष धीरे-धीरे समाप्त हो सकते हैं।
- सुख-समृद्धि: महालक्ष्मी गायत्री मंत्र और गणेश गायत्री मंत्र का जाप करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और जीवन में धन, वैभव और समृद्धि आती है।
यह व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि, शांति और सफलता लाने में सहायक होता है। इस मंत्र का जाप करने से न केवल नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है, बल्कि आत्मबल और आत्मविश्वास भी बढ़ता है।
FAQ
क्या इस मंत्र का जाप हर व्यक्ति कर सकता है?
हां, कोई भी व्यक्ति जो श्रद्धा और विश्वास के साथ इसे जपना चाहता है, वह इसका जाप कर सकता है।
क्या इस मंत्र से ग्रह दोषों का निवारण किया जा सकता है?
हां, सूर्य गायत्री, चंद्र गायत्री, शनि गायत्री आदि मंत्रों का जाप करने से ग्रहों की अशुभ स्थिति को शांत किया जा सकता है और जीवन में शुभ फल प्राप्त किए जा सकते हैं।
मंत्र का प्रभाव कब तक दिखता है?
यह व्यक्ति की श्रद्धा, नियमबद्धता और कर्मों पर निर्भर करता है। यदि इसे नियमित रूप से जपा जाए, तो शीघ्र ही सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं।

मैं मां दुर्गा की आराधना और पूजा-पाठ में गहरी रुचि रखती हूँ। गायत्री मंत्र का रोजाना जाप करती हूँ। मां दुर्गा से संबंधित मंत्र, आरती, चालीसा और अन्य धार्मिक सामग्री साझा करती हूँ। मेरा उद्देश्य भक्तों को सही पूजा विधि सिखाना और आध्यात्मिक मार्ग पर प्रेरित करना है।